
सीतामढ़ी के एसडीपीओ सुबोध कुमार को महज एक साल में हटा कर मोतिहारी के पकड़ीदयाल भेजा गया। लगे थे कई आरोप
इंफोपोस्ट ब्यूरो, पटना। police transfer in bihar:
बिहार में बुधवार को पुलिस अधिकारियों के व्यापक तबादले किए गए हैं। राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने डीएसपी स्तर के 33 पुलिस वालों के तबादले कर के एक बड़ा संदेश दिया है। पुलिस के तीन ऐसे चेहरे हैं जिसकी चर्चा पूरे बिहार के पुलिस महकमे में हो रही है। ये नाम हैं— औरंगाबाद की एसडीपीओ स्वीटी सहरावत, काम्या मिश्रा और सीतामढ़ी के एसडीपीओ सुबोध कुमार।
हाल ही में स्वीटी सहरावत ने पूर्व आइपीएस अधिकारी निखिल कुमार से बहस की थी, वहीं सुबोध कुमार ने एक महिला के केस के मामले में राष्ट्रीय पत्रकार से अपने सरकारी कार्यालय में बहसबाजी और धमकी दी थी।
सूत्र बताते हैं कि सुबोध कुमार का पत्रकारों से बहसबाजी करना आम बात है। इसकी खबर पटना में बैठे वरिष्ठ अधकारियों को भी लगी। ये तीनों चर्चित चेहरे एसडीपीओ के पद पर तैनात थे।
महिला पर दबंगों ने हमला किया था
सूत्रों की मानें तो सीतामढ़ी थाना क्षेत्र के बैरगिनिया थाना क्षेत्र के बेल गांव में कुछ माह पहले गांव के दबंगों ने जानलेवा हमला कर दिया था। महिला ने बैरगिनिया थाना में केस दर्ज करने की गुहार लगाई। जब थाना ने केस दर्ज नहीं किया तो राष्ट्रीय महिला आयोग और प्रशासन से शिकायत की। इस पर थानाध्यक्ष को कार्रवाई करने के लिए कहा गया।
रिश्वतखोरी का लगा था आरोप
कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में महिला ने एसडीपीओ सुबोध कुमार से गुहार लगाई। आरोप है कि सुबोध कुमार ने महिला से साथ बदतमीजी की। इसके बाद केस दर्ज करने का आदेश दे दिया। महिला आदेश लेकर बैरगिनिया थाना में गई तो वहां बहुत ही हल्की धाराओं में 103/23 केस दर्ज किया गया। केस दर्ज होने के बाद अभियुक्तों ने खुल्लमखुल्ला दावा किया कि उन लोगों ने बैरगिनिया थाना और एसडीपीओ सुबोध कुमार को एक लाख रुपये की रिश्वत दी है। तुम लोग हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। तुम लोगों को मारकर यही गाड़ देंगे तो कोई पुलिस वाला बचाने नहीं आएगा।
पुलिस ने इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की। केस भी इतनी हल्की धाराओं में दर्ज किया कि अभियुक्तों को एक दिन में ही जमानत मिल गई। जबकि महिला को गंभीर चोटें आई थीं।
तब महिला ने एक राष्ट्रीय पत्रकार ओम वर्मा को साथ लेकर एसडीपीओ सुबोध कुमार से मिलने सीतामढ़ी में उनके सरकारी कार्यालय पहुंची। यहां सुबोध कुमार ने पीड़ित पक्ष की मदद करने के बजाय धमकाना शुरू कर दिया। महिला के साथ साथ राष्ट्रीय पत्रकार को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। विरोध में पत्रकार ने सुबोध कुमार को चुनौती दी और कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। तब यह मामला मीडिया जगत में छाया हुआ था। पत्रकार ने अधिकारियों से उनकी शिकायत करने की चेतावनी दी।
तब से चल रही थी तबादले की सुगबुगाहट
police transfer in bihar: सूत्र बताते हैं कि सुबोध कुमार की धमकी के बाद पीड़ित पक्ष और राष्ट्रीय पत्रकार ने सीतामढ़ी जिले के पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की। पुलिस अधीक्षक ने खुद इस मामले में हस्तक्षेप किया। तब जाकर उस समय यह मामला शांत हुआ। लेकिन तब से ही एसडीपीओ सुबोध कुमार के तबादले की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी।
सूत्रों का कहना है कि अपने कनिष्ठों और पत्रकारों से बहसबाजी करना एसडीपीओ सुबोध कुमार की आदत में शुमार है।
औरंगाबाद में स्वीटी ने की थी निखिल कुमार से बहस
सूत्रों के अनुसार चोरी की घटनाओं से औरंगाबाद के परेशान लोग निखिल कुमार से मिलने गए थे। निखिल कुमार बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी हैं। लोगों ने समस्याएं बताईं तो निखिल कुमार उन लोगों के साथ एसडीपीओ से मिलने आवास पर पहुंच गए। वहां जाने के बाद निखिल कुमार को इंतजार कराया गया। जब एसडीपीओ निकलने लगीं तो काफी मिन्नत के बाद वह मिलने को तैयार हुईं। इसी दौरान दोनों की बीच तीखी बहस हो गई। वहां मौजूद लोगों ने इसका वीडियो भी बना लिया।
यह कहा था स्वीटी ने
police transfer in bihar: स्वीटी ने निखिल कुमार से यह कहा कि मुझसे ऐसे बात मत करिए। मैं आवास पर नहीं मिलती हूं। मैं लोगों को अपने पर्सनल स्पेस में अलाउ नहीं करती हूं। ये मेरा आफिस नहीं है और मैं यहां हर किसी से नहीं मिल सकती हूं। स्वीटी कुमारी को अब पटना सदर का एसडीपीओ बना दिया गया है।
2019 बैच की अधिकारी हैं स्वीटी
आइपीएस स्वीटी सहरावत ने डिजायन इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर 2019 में यूपीएससी क्लीयर किया था। वह बिहार कैडर की अधिकारी बनीं। औरंगाबाद में एसडीपीओ बनीं। वह दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से बी टेक हैं। उनके पिता दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल थे। 2013 में सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी।
काम्या मिश्रा का ट्रांसफर अपराध अनुसंधान विभाग में
police transfer in bihar: पटना सदर की एसडीपीओ काम्या मिश्रा का ट्रांसफर सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में अपराध अनुसंधान विभाग में पोस्टिंग दी गई है।