आर के तिवारी
नई दिल्ली। हमारे युवाओं को अपनी रुचि और प्रतिभा के अनुसार अपने विषयों को चुनने की आजादी होगी। उन्हें अपनी क्षमताओं को विकसित करने का अवसर मिलेगा। हमारी भावी पीढ़ी, इन योग्यताओं के बल पर न केवल रोजगार पाने में समर्थ होगी, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी। यह बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 74वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ में कही।
उन्होंने कहा कि देश में कोरोना महामारी के प्रकोप का सबसे कठोर प्रहार गरीबों पर हुआ है और सरकार ने कई कल्याणकारी कदम उठाए हैं, जिसने अस्त-व्यस्त जीवन का कष्ट कम किया है। कोरोना का प्रभाव रोजाना आजीविका कमाने वालों पर सबसे अधिक हुआ है। संकट के इस दौर में, उन्हें सहारा देने के लिए, वायरस की रोकथाम के प्रयासों के साथ-साथ अनेक जन-कल्याणकारी कदम उठाए गए हैं।
‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ की शुरुआत करके सरकार ने करोड़ों लोगों को आजीविका दी है, ताकि महामारी के कारण नौकरी गंवाने, एक जगह से दूसरी जगह जाने और जीवन के अस्त-व्यस्त होने के कष्ट को कम किया जा सके। मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के दुनिया के सबसे बड़े इस अभियान को इस साल नवंबर तक बढ़ा दिया गया है।
‘वंदे भारत मिशन’ के तहत 10 लाख से अधिक लोगों को स्वदेश वापस लाया गया है। भारतीय रेल ने इस चुनौती-पूर्ण समय में ट्रेन सेवाएं चलाकर वस्तुओं और लोगों के आवागमन को संभव किया है। अपने सामर्थ्य में विश्वास के बल पर हमने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाया है। अन्य देशों के अनुरोध पर, दवाओं की आपूर्ति करके हमने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि भारत संकट की घड़ी में विश्व समुदाय के साथ है।
राष्ट्रपति ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जीवन और आजीविका दोनों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, मेरा मानना है कि कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में, जीवन और आजीविका दोनों की रक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है। हमने किसानों और छोटे उद्यमियों के हित में सुधार लाकर अर्थव्यवस्था को पुन: गति प्रदान करने के अवसर के रूप में देखा है।
किसानों को नियामक प्रतिबंधों से मुक्त करने के लिए ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम’ में संशोधन किया गया है। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। मेरा मानना है कि सही राह पकड़कर प्रकृति के साथ सामंजस्य पर आधारित जीवनशैली को अपनाने का अवसर मानवता के सामने अब भी मौजूद है।