
न्यूज डेस्क, ग्रेटर नोएडा। जेवर एयरपोर्ट बनाए जाने के लिए वहां के किसानों को विस्थापित करना होगा। सवाल हैं कि किसानों को कहां ले जाया जाएगा? उसके लिए उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है। किसानों को प्लाट देकर उन्हें विस्थापित किया जाएगा।
दरअसल, नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों के पुनर्वास के लिए जिला प्रशासन दोबारा संपत्ति का सर्वे कराने जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही किसानों की आबादी भूखंड का कुल क्षेत्र और उसके एवज में मिलने वाले प्लॉट का क्षेत्र तय किया जाएगा। किसानों के पुनर्वास के लिए जेवर बांगर में 2,792 भूखंड विकसित किए जाएंगे।
गांव में 48 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। भूखंड का क्षेत्रफल तय करने के लिए प्रशासन ने किसानों की संपत्ति का सर्वे कराया है। इसमें सिर्फ निर्मित भवन को शामिल किया गया था, जबकि जमीन अधिग्रहण पर किसानों की सहमति लेते वक्त वादा किया गया था कि निर्मित भवन के साथ ही खलिहान, अहाते आदि को भी जोड़ा जाएगा।
कुल क्षेत्रफल का 50 फीसदी प्लॉट किसानों को पुनर्वास के लिए दिया जाएगा। प्रशासन की वादाखिलाफी से किसानों में नाराजगी बढ़ रही थी। यमुना प्राधिकरण और जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन ने नया शासनादेश जारी किया है। इसमें किसानों को घर के अलावा अहाते के क्षेत्र को जोड़ते हुए 50 फीसदी विकसित प्लॉट देने का निर्णय किया गया। आदेश को ध्यान में रखते हुए किसानों की संपत्ति का आकलन दोबारा होगा। इसमें निर्मित भवन के साथ खलिहान आदि को भी शामिल किया जाएगा।
जेवर में प्रस्तावित नोएडा एयरपोर्ट की परियोजना में आने वाली नहरों और नालों (वाटर बॉडीज) को बाहर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह काम सिंचाई विभाग कर रहा है। विकासकर्ता कंपनी को जमीन पर कब्जा देने से पहले इस तरह के कार्यों को पूरा किया जाना है।