Punished Parties: राष्ट्र निर्माण पार्टी ने सदैव सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को पूरी तरह माना है। और उसका अनुसरण भी किया है।
Punished Parties: सुप्रीम कोर्ट ने किया था कई पार्टियों को दंडित
इंफोपोस्ट न्यूज
Punished Parties: राष्ट्र निर्माण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार ने कहा है कि पिछले 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राजनैतिक क्षेत्र में बढ़ रहे अपराधीकरण को रोकने के लिए अनेक राजनैतिक पार्टियों को कोर्ट की अवमानना का दोषी मानते हुए उन पर एक लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया था।
राष्ट्र निर्माण पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि ऐसी दंडित पार्टियों की मान्यता समाप्त की जाए या उनका चुनाव चिन्ह जब्त किया जाए या ऐसे विजयी प्रत्याशी जिनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण थे तथा जिन्होंने माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया, उनका चुनाव निरस्त किया जाए।
ध्यान रहे कि फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह निर्णय दिया गया था कि यदि राजनैतिक पार्टियां चुनावों में ऐसे व्यक्तियों को टिकट देती हैं जिनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण हैं तो उसकी जानकारी टीवी व अखबारों के माध्यम से आम जनता को संबंधित पार्टियों द्वारा दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना
किंतु बिहार विधानसभा के चुनावों में राजनैतिक पार्टियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की गई जिस पर उपरोक्त दंडात्मक कार्यवाही माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई है। डॉ. कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर उच्चतम न्यायालय का इस प्रकार के निर्णय के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
आशा व्यक्त की गई है कि राजनीति के शुद्धिकरण में यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड एवं दिल्ली के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष ठाकुर विक्रम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश आर्य, राष्ट्रीय महासचिव मनोज गुलाटी, राष्ट्रीय सचिव राधाकांत शास्त्री, राष्ट्रीय कवि सारस्वत मोहन मनीषी आदि ने प्रमुख रूप से भाग लिया।?
प्रथम स्थान पर राजनैतिक अपराधीकरण
डॉ. कुमार ने बताया कि उनकी पार्टी के घोषणा पत्र में प्रथम स्थान पर राजनैतिक अपराधीकरण को तथा दूसरे नंबर पर भ्रष्टाचार को समाप्त करने का संकल्प है। पार्टी इन दोनों मुद्दों पर निरंतर संघर्ष कर रही है और आगे भी करती रहेगी।
यदि भारत चुनाव आयोग हमारी मांग पर अगले 15 दिन में कोई निर्णय नहीं लेता है तो पार्टी इस विषय पर चुनाव आयोग के कार्यालय पर धरना देगी। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने निर्णय किया कि निकट भविष्य में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों व दिल्ली के नगर निगम चुनावों में राष्ट्र निर्माण पार्टी भाग लेगी।
प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया
प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है एवं चुनावी रणनीति के संबंध में भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विचार विमर्श किया गया। प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी प्रत्याशी आपराधिक पृष्ठभूमि का न हो।
दुर्भाग्य से राजनैतिक पार्टियों ने चुनावों को इतना महंगा बना दिया है कि सामान्य व्यक्ति चुनावों में खड़ा होने का साहस ही नहीं कर सकता। अतः पार्टी ने निश्चय किया कि राजनैतिक भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए आगामी चुनावों में सामान्य आर्थिक स्थिति के लोगों को पार्टी प्रत्याशी बनाएगी। चुनावों में कम से कम व्यय किया जाएगा।