Ram Nath Kovind: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोवर्धन जीटी करनाल रोड स्थित खाटूश्याम दिल्ली धाम में गोवर्धन धाम का अनावरण किया। वह वहां अपनी पत्नी सविता कोविन्द के साथ दर्शन करने पहुंचे थे।
Ram Nath Kovind: धाम धर्म और संस्कृति का प्रतीक
इंफोपोस्ट न्यूज
Ram Nath Kovind: जीटी करनाल रोड स्थित खाटूश्याम दिल्ली धाम धर्म और संस्कृति का जीवंत प्रतीक बनता जा रहा है। हर रोज़ लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी अपनी पत्नी सविता कोविन्द के साथ धाम के दर्शन करने पहुंचे थे। वहां उन्होंने गोवर्धन धाम का अनावरण किया।
अनावरण के बाद पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खाटू श्याम दिल्ली धाम के अध्यक्ष घनश्याम गुप्ता जावेरी और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मधु गोपाल गोयल ने धाम के संपूर्ण दर्शन करवाए। उनका स्वागत संस्था के सभी पदाधिकारियों ने किया।
भाव विभोर हो गया: रामनाथ कोविंद
रामनाथ कोविंद ने कहा, मैं यहाँ आकर भाव विभोर हो गया हूँ और यहाँ का भक्तिमय वातावरण और श्रद्धालुओं का प्रेम इस जगह को और पवित्र बना रहा है। उन्होंने धाम से जुड़े सभी साधु संतों का सम्मान भी किया।
इस अवसर पर घनश्याम गुप्ता जावेरी ने रामनाथ कोविंद को बताया, यह खाटू श्याम दिल्ली धाम बनेगा दुनिया का आठवाँ अजूबा। गोवर्धन धाम को बनवाने में सहयोग के लिए जय नारायण अग्रवाल, सत्य भूषण जैन, अनिल गुप्ता, नवीन गर्ग और अनीता घनश्याम गुप्ता जावेरी की रामनाथ कोविंद ने बहुत सराहना की।
दुनिया के आठवें अजूबे में शामिल होगा धाम
घनश्याम गुप्ता जावेरी ने बताया कि जीटी करनाल रोड पर बन रहे खाटू श्याम दिल्ली धाम दुनिया के आठवें अजूबे में शामिल होगा। उसकी भव्यता देखते ही बनती है। क्योंकि हाल ही में एक दिन में लगभग तीन लाख भक्तों ने इस पावन धाम के दर्शन किए।
खाटू श्याम की महिमा के बारे में जानकारी मिली तो पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और विजय सांपला ने घनश्याम गुप्ता जावेरी को खाटू श्याम दिल्ली धाम पधारने का आश्वासन दिया।
रामनाथ कोविन्द का जीवन परिचय
रामनाथ कोविन्द का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिला की तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। उनका सम्बन्ध कोरी जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति, गुजरात में अनुसूचित जनजाति और उड़ीसा में अनुसूचित जनजाति आती है। वकालत की उपाधि लेने के बाद उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की।
वह 1977 से 1979 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर उनकी नियुक्ति हुई। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा भी तीसरे प्रयास में ही पास कर ली थी। 1991 में भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो गए। 1994 में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। 2000 में पुनः उत्तरप्रदेश राज्य से राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुए। राष्ट्रपति पद तक के सफर के बाद अब वह सेवानिवृत्त हो गए हैं।