सी एस राजपूत
नोएडा। उत्तर प्रदेश शासन ने निजी कोविड अस्पतालों के रेट तय कर दिए हैं, ताकि कोई निजी अस्पताल कोविड-19 के उपचार के नाम पर मनमानी रकम न वसूल सके। निजी कोविड अस्पतालों से मनमाने चिकित्सा शुल्क वसूले जाने की शिकायतें मिल रही थीं। चिकित्सा शुल्क में एकरूपता लाने के लिए शासन ने रेट निर्धारित करने का फैसला किया है।
शासन ने पूरे सूबे के शहरों को ए, बी और सी, तीन श्रेणियों में विभाजित करके श्रेणी के मुताबिक उपचार के रेट तय किए हैं। शासन ने सभी जिला अधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि निजी अस्पताल अगर आदेश का पालन नहीं करते तो उनके खिलाफ एपिडेमिक डिजीज एक्ट-1897 और उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 एक्ट 2020 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
दर नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पाल की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के आधार पर तय की गई है। ए श्रेणी के नगरों में सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा वाले अस्पताल को कोविड19 अस्पताल के रूप में परिवर्तित करने पर उपचाराधीन मरीजों से ली जाने फीस निर्धारित की गई है। ए श्रेणी वाले निजी अस्पतालों में नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड ऑफ हास्पिटल एंड केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) और नान एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल की दो श्रेणियां बनाई गई हैं।
पहली श्रेणी के एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में कम या मध्यम लक्षण वाले मरीजों से आक्सीजन और सपोर्टिव केयर के साथ आइसोलेशन बेड और पीपीई किट के मूल्य 1200 रुपये को शामिल करते हुए 10 हजार रुपये प्रतिदिन ले सकेंगे। गैर एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में यह राशि आठ हजार रुपये प्रतिदिन होगी।
इसी तरह गंभीर मरीजों के लिए एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में बिना वेंटीलेटर की आईसीयू के लिए पीपीई किट के मूल्य दो हजार रुपये को शामिल करते हुए 15 हजार रुपये प्रतिदिन ले सकेंगे। गैर एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में यह राशि 13 हजार रुपये प्रतिदिन होगी।
अति गंभीर मरीजों के लिए एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में वेंटीलेटर के साथ आईसीयू के लिए पीपीई किट के मूल्य दो हजार रुपये को शामिल करते हुए 18 हजार रुपये प्रतिदिन ले सकेंगे। गैर एनएबीएच एक्रीकेटेड अस्पताल में यह राशि 15 हजार रुपये प्रतिदिन होगी। राज्य के बी और सी श्रेणी के शहरों के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ए श्रेणी के शहरों के लिए निर्धारित शुल्क का क्रमशः 80 और 60 प्रतिशत शुल्क ले सकते हैं।
अपर मुख्य सचिव के आदेश में कहा गया है कि निजी अस्पतालों के लिए निर्धारित शुल्क सभी सुविधाओं को शामिल करते हुए एक पैकेज है। इस पैकेज में कोविड केयर प्रोटोकाल के अनुसार उपचार के लिए बेड, भोजन और नर्सिंग केयर, मानिटरिंग, इमेजिंग सहित अन्य आवश्यक जांचें, विजिट, कन्सल्टेंसी, चिकित्सक, प्रशिक्षण आदि की सुविधाएं शामिल हैं।
इसके साथ ही को-मार्बिडिटीज मरीजों के इलाज और कम समय के लिए हीमो डायलिसिस की सुविधा भी इसी पैकेज में शामिल है। इसके अलावा इस पैकेज में प्रयोगात्मक उपचार के लिए दी जाने वाली रैमडेसिविर दवा जैसी औषधियां, आरटीपीसीआर टेस्ट और आईएल-6 टेस्ट शामिल नहीं हैं।
गर्भवती महिलाओं का प्रसव और नवजात शिशु के इलाज पर होने वाले खर्च को अस्पताल की ओर से आयुष्मान भारत योजना की दरों के हिसाब से अलग से लिया जाएगा। जो व्यक्ति आयुष्मान भारत का लाभार्थी है उससे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
शासन ने कानपुर, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद को ए श्रेणी में रखा है। मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, मथुरा, रामपुर, मिर्जापुर, शाहजहांपुर, अयोध्या, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर और फर्रूखाबाद को बी श्रेणी में रखा है। इनके बाद प्रदेश के शेष सभी जिलों को सी श्रेणी में रखा गया है।