Recruitment of Teachers: अखिलेश सरकार के बाद शिक्षकों की कोई भर्ती नहीं हुई। हालांकि शिक्षा मित्रों का समायोजन जरूर किया गया। 20 लाख से अधिक बच्चे सीटेट यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने के बावजूद बेरोजगार हैं। 21 लाख बच्चे पिछले 28 नवंबर को प्रस्तावित परीक्षा में बैठने वाले थे, लेकिन पेपर लीक हो गया। ये बच्चे अब नौकरी के लिए आंदोलित हैं। चर्चा इसी पर।
Recruitment of Teachers: अखिलेश सरकार ने क्या किया?
श्रीकांत सिंह
Recruitment of Teachers: अखिलेश सरकार ने एक लाख 37 हजार 500 शिक्षा मित्रों को समायोजित कर शिक्षक नियुक्त कर दिया था। लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया और शिक्षा मित्रों की भर्ती को निरस्त कर दिया गया।
वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार ने एक लाख 37 हजार 500 बेरोजगारों को दो भागों में विभाजित कर दिया। एक भाग 68 हजार का बनाया तो दूसरा 69 हजार 500 का। प्रदेश सरकार ने 68 हजार वाले भाग की भर्ती शुरू तो की, लेकिन 44 हजार ही भर्तियां हो सकीं। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि नियम कठोर कर दिए गए थे। उसी नियम के तहत बीएड वाले आवेदन नहीं कर पाए थे।
जब बचे 69 हजार 500 अभ्यर्थियों की भर्ती की गई तो मामला कोर्ट चला गया। आरोप लगा था कि इस भर्ती में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की गई। गौर करने वाली बात है कि यह कोई नई भर्ती नहीं थी। ये तो वही लोग थे, जिन्हें अखिलेश सरकार ने समायोजन के जरिये प्राथमिक विद्यालयों का शिक्षक बना दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन को निरस्त कर दिया था।
एक भी शिक्षक की नई भर्ती नहीं
कह सकते हैं कि योगी सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में एक भी शिक्षक की नई भर्ती नहीं की। जबकि विद्यालयों में शिक्षकों के तमाम पद खाली हैं। और देश के नौनिहालों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव साफ देखा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने खुद भी सुप्रीम कोर्ट में दिए गए अपने हलफनामे में कहा था कि उत्तर प्रदेश में एक लाख से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली हैं।
ततकालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने तो एक कदम आगे बढ़ कर कहा था कि उत्तर प्रदेश में दो लाख से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं। बावजूद इसके, सीटेट यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा पास बेरोजगारों की एक बड़ी फौज को नौकरी के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा है। ऐसा इसलिए है कि सरकार को कुछ सुनाई नहीं पड़ता तो मीडिया को कुछ दिखाई नहीं देता।
लखनऊ के ईको गार्डन में युवा पंचायत
मीडियाकर्मी अंकित तिवारी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोजगार के मुद्दे पर प्रयागराज में 119 दिनों से जारी आंदोलन के क्रम में 28 दिसंबर को लखनऊ के ईको गार्डन में युवा पंचायत का आयोजन किया गया। इस मौके पर युवाओं ने प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया।
पंचायत के प्रस्ताव के तहत योगी सरकार से मांग की गई कि प्रदेश में रिक्त पड़े पांच लाख पदों को आचार संहिता लागू होने से पहले विज्ञापित किया जाए और ठोस कदम भी उठाए जाएं। नहीं तो प्रदेश भर के युवा विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने का अभियान चला देंगे।
हर युवा को गरिमापूर्ण रोजगार की गारंटी, चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार-भाईभतीजावाद को खत्म करने, रोजगार न मिलने तक जीवन निर्वाह लायक बेकारी भत्ता देने की भी मांग की गई। कहा गया कि विपक्ष की जो भूमिका है उसमें रोजगार का प्रश्न नहीं उठ रहा है। इससे युवा चिंतित हैं। विपक्ष खासतौर पर अखिलेश यादव की रोजगार की नीति क्या है? वह इसके लिए ठोस कदम उठाने की घोषणा करें।
विपक्ष की ओर से कोई वक्तव्य सामने नहीं आया
पंचायत में कहा गया कि यह दुखद है कि प्रदेश में युवा महीनों से रोजगार के लिए आंदोलन चला रहे हैं लेकिन विपक्ष की ओर से कोई वक्तव्य सामने नहीं आया। युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कहा कि आचार संहिता लागू होने से पहले 97 हजार प्राथमिक शिक्षक भर्ती, 27 हजार टीजीटी पीजीटी, 52 हजार पुलिस, लेखपाल समेत समूह ग के 50 हजार, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बीपीएड के 48 हजार, एलटी के 12 हजार, तकनीकी संवर्ग के एक लाख रिक्त पदों को विज्ञापित नहीं किया गया तो इसका खामियाजा चुनावों में भाजपा को भुगतना होगा।
अब युवा इनकी घोषणाओं और कथित उपलब्धियों के प्रचार के झांसे में आने वाले नहीं हैं। अब रोजगार अधिकार की लड़ाई तेज होगी और रोजगार आंदोलन अंजाम तक पहुंचेगा। युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि प्रदेश में सभी रिक्त पदों को भरने, चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार-भाईभतीजावाद खत्म करने का वादा भाजपा ने चुनाव घोषणपत्र में किया था लेकिन आज यह वादा महज जुमला साबित हुआ है।
शांतिपूर्ण आंदोलन का दमन किए जाने का आरोप
Recruitment of Teachers: उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण आंदोलन का दमन किया जा रहा है। लेकिन युवा इससे डरने वाला नहीं। उन्होंने दरोगा भर्ती परीक्षा में अभूतपूर्व धांधली की सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि प्रदेश में चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार-भाईभतीजावाद का बोलबाला है।
युवा पंचायत को वागीश धर राय, आशीष चौधरी, जय प्रकाश यादव, मोहम्मद रूस्तम, आदित्य कुमार, सचिन गौतम, अमृता, जीतेंद्र सरोज, प्रशांत सागर, विकास पटेल, सूर्य प्रकाश, मदन कुमार, हरवीर सिंह, अनुरूप सिंह, अनिल कुमार प्रजापति, गुलशन कुमार, प्रशांत सागर, अमन, सतेन्द्र कुमार सिंह, सूर्य प्रकाश चौधरी, राम प्रवेश, अनीता, पार्वती आदि ने भी संबोधित किया। प्रशासन को रोजगार के सवाल को हल करने के संबंध में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।