Revised Deadline: राजमार्ग परियोजनाओं को किस कदर सिस्टम की मार झेलनी होती है, इसका ताजा उदाहरण वाराणसी-सुल्तानपुर (वाराणसी-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग-56 का हिस्सा) और वाराणसी-आजमगढ़ घाघरा पुल (NH-233) हैं।
Revised Deadline: अभी और लटक सकता है NH 56 का निर्माण कार्य
श्रीकांत सिंह
नई दिल्ली। Revised Deadline: कोविड की दूसरी लहर ने उन राजमार्ग परियोजनाओं को एक और झटका दिया है, जो प्रारंभिक समय सीमा में पूरी नहीं हो पाई थीं। अब संशोधित समय सीमा में वे पूरी हो पाएंगी, इसमें संदेह है। ज्यादा प्रभावित परियोजनाएं वाराणसी-सुल्तानपुर (वाराणसी-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग-56 का हिस्सा) और वाराणसी-आजमगढ़ घाघरा पुल (NH-233) हैं।
दोनों परियोजनाएं संशोधित समय सीमा जून में पूरी होने से चूकने वाली हैं। क्योंकि जिस कंपनी को दोनों प्रोजेक्ट पूरे करने हैं, उसके सभी अन्य सदस्यों और श्रमिकों में कोरोना महामारी का भय व्याप्त हो गया है। और जो लोग घर चले गए थे, वे काम पर नहीं लौटे हैं।
यदि वे अब लौटते भी हैं तो इस क्षेत्र में 15 जून तक मानसून सक्रिय होने के कारण समय सीमा में काम पूरा होना असंभव है।
अप्रैल में बंद हो गया था काम
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई के प्रोजेक्ट डाइरेक्टर एसबी सिंह ने कहा है कि एनएच 56 और एनएच 233 पर अप्रैल में काम बंद हो गया था। क्योंकि उस समय काम पर लगे कंपनी के पहले तीन और बाद में दो कर्मचारियों की कोविड 19 के प्रकोप से मौत हो गई। उससे सभी दूसरे कर्मचारी डर गए और दक्षिण भारत अपने घरों को लौट गए।
कोविड 19 की पहली लहर का हवाला देकर एजेंसी ने पहले ही एनएच 56, एनएच 233 और एनएच 29 का कार्य पूरा होने की समय सीमा में इजाफा करा लिया था। इनके पूरा होने की समय सीमा 2020 में मार्च और जून के बीच थी।
लेकिन, अब यदि कर्मचारी और श्रमिक लौट भी आते हैं तो एनएच 56 और एनएच 233 का काम अक्टूबर या नवंबर में पूरा होने की उम्मीद की जा सकती है। क्योंकि इस क्षेत्र में मानसून जून से सितंबर तक सक्रिय रहेगा। और इस अवधि में काम बंद कर दिया जाएगा।
जौनपुर बाईपास रोड और आजमगढ़ बाईपास रोड का काम 85 प्रतिशत पूरा
एनएचएआई के मुताबिक, इन दोनों परियोजनाओं मुख्य रूप से एनएच 56 पर जौनपुर बाईपास रोड और आजमगढ़ बाईपास रोड का काम 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है। एनएच 233 का काम अधूरा है।
थर्मल पावर प्रोजेक्ट के ठेकेदारों ने राख की आपूर्ति में देरी कर दी। इस वजह से भी संपर्क मार्गों के अंडरपास बनाने के काम अटक गए।मार्च 2020 में एनएच 56, एनएच 233 और एनएच 29 को चार लेन में परिवर्तित करने का काम बंद हो गया था। जो अक्टूबर 2020 में दोबारा शुरू हो सका।
सरकार जनता को दे सकती है एक शानदार सौगात
एनएच 56 को चार लेने में परिवर्तित करने का काम दो भागों लखनऊ से सुलतानपुर और सुलतानपुर से वाराणसी में किया जा रहा था। 2019 में लखनऊ से सुलतानपुर के बीच का काम पूरा हो गया था। लेकिन सुलतानपुर से वाराणसी के बीच निर्माण कार्य में अत्यधिक समय लग गया। इतना अधिक विलम्ब होने के बावजूद अभी जल्द इसका निर्माण कार्य पूरा होता नहीं दिख रहा है।
जनता इसका निर्माण पूरा होने का कई सालों से इंतजार कर रही है। सरकार को चाहिए कि इस प्रोजेक्ट की गंभीरता को देखते हुए जल्द से जल्द काम पूरा करवाने का प्रयत्न करें। 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले इस प्रोजेक्ट को पूरा कराकर सरकार जनता को एक शानदार सौगात दे सकती है।