शिवांश सिंह
लखनऊ। आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह पर रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया गया है। उन पर कुल 13 मुकदमे अलग अलग थानों में दर्ज किए गए हैं। वह पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्या के संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला कर रहे हैं। संसद में भी उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था और लगातार गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। अब उन्हें 20 सितंबर को लखनऊ पुलिस के सामने पेश होना है।
अपने खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किए जाने पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि राज्यसभा सभापति से इस मुद्दे के खिलाफ जांच कराने का आग्रह किया गया, जिस पर सभापति ने सदन को आश्वस्त किया कि मामले की जांच की जाएगी।
दूंगा गिरफ्तारी पर नहीं दबेगी मेरी आवाज
उनका कहना है कि वह लखनऊ में पेश होंगे। थाने में पहुंचकर गिरफ्तारी भी देंगे। लेकिन सरकार चाहे लाख मुकदमे दर्ज करवा दे, लेकिन अपराध के खिलाफ मेरी आवाज को दबा नहीं सकती। संजय सिंह ने कहा कि 3 महीने में 13 मुकदमे प्रदेश में आज तक किसी माफिया के खिलाफ नहीं दर्ज हुए। इसीलिए मैंने राज्यसभा के सभापति से आग्रह किया कि यदि मैं देशद्रोही हूं तो मुझे जेल में डाल दिया जाए।
संजय सिंह को मिला 12 पार्टियों का समर्थन
कांग्रेस, टीएमसी, सपा, शिवसेना, राजद, टीआरएस, टीडीपी, डीएमके, अकाली दल, एनसीपी समेत 12 विभिन्न राजनीतिक दलों के 37 सांसदों ने उनके समर्थन में सभापति को एक पत्र सौंपा है। उन्होंने कहा है कि हमने यूपी में जब एक सर्वे करवाया तो उसके आंकड़े चौंकाने वाले थे। 63 फीसदी जनता ने सरकार को जातिवादी बताया।
उन्होंने कहा है कि यूपी में लूट, हत्या और बलात्कार की घटनाएं देशद्रोह नहीं हैं, लेकिन इस पर सवाल पूछना देशद्रोह है। मैंने सरकार पर लगातार जातिवादी होने का आरोप लगाते हुए मामले गिनाए तो सरकार भी मेरे खिलाफ मुकदमे दर्ज कराने लगी। कोरोना किट में किए गए घोटाले को उजागर किया तो इसमें देशद्रोह की धारा बढ़ाकर नोटिस भेज दिया गया।