
Seshanarayan Singh: आज की खबर से बिचलित हो रहा हूं। जब हम अत्यंत करीबी, प्रिय और प्रसिद्ध व्यक्ति को खोते हैं तो मन की उथल पुथल नियंत्रण खो देती है। आज हमने वरिष्ठ पत्रकार शेषनारायण जी को खोया है।
Seshanarayan Singh: पत्रकारिता जगत के लिए कभी न पूरी होने वाली क्षति
श्रीकांत सिंह
Seshanarayan Singh: कोरोना की दूसरी लहर लगातार हमारे प्रिय और प्रसिद्ध लोगों की जान ले रही है। हम राजीव कटारा, रोहित सरदाना जैसे वरिष्ठ पत्रकारों को खो चुके हैं। आज हमने वरिष्ठ पत्रकार और अपने भाई शेषनारायण सिंह को भी खो दिया। यह पत्रकारिता जगत के लिए कभी न पूरी होने वाली क्षति है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेष जी के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह जी का निधन अत्यंत दुखद है। पत्रकारिता जगत में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए वे हमेशा जाने जाएंगे। दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों के लिए मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!
वरिष्ठ पत्रकार शेष नारायण सिंह जी का निधन अत्यंत दुखद है। पत्रकारिता जगत में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए वे हमेशा जाने जाएंगे। दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों के लिए मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!
— Narendra Modi (@narendramodi) May 7, 2021
शेष जी कोरोना से संक्रमित थे और आज तड़के चार बजकर 30 मिनट पर उनका निधन हो गया। वह ग्रेटर नोएडा जिम्स आईसीयू-5, बेड नंबर-7 में भर्ती थे। उन्हें प्लाज्मा की जरूरत थी। सोशल मीडिया पर हमने मदद मांगी तो उनके लिए GIIMS नोएडा में AB+ve DONOR का इंतजाम भी हो गया। मुंबई के अमित सावंत ने प्लाज़्मा डोनेट किया था। फिर भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
शेष जी की यादें शेष
कोरोना काल में जब भी मैं उन्हें फोन करता था तो उनका यही जवाब होता था, चिंता मत करो जिंदा हूं। हाल ही में उनसे बात हुई थी। यह तय हुआ था कि इंफोपोस्ट चैनल के लिए उनसे विस्तार से बात करेंगे। क्योंकि उनके पास पत्रकारिता से लेकर पारिवारिक इतिहास की अथाह जानकारी थी। उन जानकारियों को वह समय समय पर शेयर भी करते रहते थे।
दरअसल, हमारे पूर्वजों की एक पीढी में चार भाइयों के परिवार में एक भाई की संतति शेष जी और दूसरे भाई की संतति हमारा परिवार है। चारों भाइयों की संतति उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले के अलग अलग गांवों में बसी है। इस प्रकार हमारी साझा पारिवारिक विरासत हमें एक पहचान देती रही है। इसी पहचान को बनाए रखने में शेष जी सतत सक्रिय रहते थे।
अवधी अंदाज में बेबाक संवाद
सहारा समय, एनडीटीवी जैसे फेमस मीडिया घरानों के साथ काम करने के अलावा शेष जी अलग अलग न्यूज चैनलों पर अवधी अंदाज में अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए विशेष रूप से जाने जाते रहे हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर उनका समान अधिकार तो था ही, हस्तक्षेप जैसे डिजिटल प्लेटफार्म पर वह नियमित रूप से लेखन करते रहे हैं।
यही नहीं, पत्रकारिता के क्षेत्र में इतनी व्यस्तता के बावजूद वह सहज उपलब्ध रहते थे। जब भी मैं उनके पास किसी को मीडिया में नौकरी दिलाने की सिफारिश लेकर जाता था, तो उसे नौकरी मिलनी सुनिश्चित होती थी। वह खानदान के लोगों से न केवल मिलते जुलते रहते थे, बल्कि पारिवारिक इतिहास के बारे में भी लिखा करते थे। उन्होंने मुझसे वादा किया था कि एक दिन खानदान का पूरा इतिहास लिख कर एक संग्रहणीय पुस्तक तैयार करेंगे।
उनका लेखन इतना रोचक होता था कि पारिवारिक इतिहास पर लिखी गई उनकी एक फेसबुक पोस्ट हमने सुरक्षित कर ली थी। उसे आप इस लिंक पर जाकर देख सकते हैं।