Shivraj-Subrata Case: मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सुब्रत सहारा को नसीहत दी है कि वे निवेशकों से मित्रवत व्यवहार करें। क्योंकि सहारा के निवेशक बीजेपी को वोट नहीं करेंगे। यही नहीं, अपनी जमाराशि सहारा से वापस पाने के लिए निवेशकों ने उग्र प्रदर्शन भी किया था।
Shivraj-Subrata Case: या फिर पार्टी फंड के लिए चंदा लेकर हो जाएंगे चुप
@रमेश कुमार ‘रिपु’
भोपाल, मध्य प्रदेश। Shivraj-Subrata Case: एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कहते हैं कि सभी निवेशको से मित्रवत व्यवहार करें। चिटफंड कंपनियों को प्रदेश में चलने नहीं देंगे। तो फिर ऐसी क्या वजह है कि सहारा प्रमुख सुब्रत राय के खिलाफ कार्रवाई का आदेश नहीं दे सके। प्रदेश में मजदूरों से लेकर मध्यम वर्ग के लोगों को पैसा सहारा प्रमुख दो साल से नहीं लौटा रहे हैं। जबकि निवेशकों ने अपना पैसा सोसायटी में जमा किया है, न कि सेवी में उनका मामला है।
क्या सुब्रत की संपत्ति होगी जब्त?
मध्य प्रदेश के गरीबों के शुभ चिंतक होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह क्या सहारा प्रमुख को उनके प्रदेश की जनता का पैसा वापस नहीं लौटाने पर उनकी संपत्तियांं जब्त करने का आदेश देंगे या फिर पंचायती चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव और पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी के लिए चंदा मांग कर चुप बैठ जाएंगे।
यह सवाल इसलिए है कि मुख्यमंत्री अक्सर मंच से कहते हैं कि चिटफंड कंपनियों को वो अपने प्रदेश में चलने नहीं देंगे। सहारा प्रमुख सुब्रत राय डंके की चोट पर उनके प्रदेश में चिटफंड कंपनी खोल रखे हैं। सेवी का मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
राष्ट्रीय सोसायटी पंजीयक ने उन्हें निवेशकों का पैसा लौटाने का ओदश दे रखा है। पहले सुब्रत राय ने कहा, अप्रैल में पैसा देंगे फिर सितम्बर में कहा और अब कह रहे हैं कि कुछ दिन का समय दें। लेकिन कब तक, यह नहीं बता रहे हैं। गंभीर रूप से बीमार और शादी ब्याह करने वाले अभिभावकों को पैसा देने का एक सर्कुलर भी अपने संभागी मैनेजरों को जारी किया है। बावजूद इसके, पैसा किसी को नहीं दिया गया।
क्यों चुप है बीजेपी?
सूत्रों का कहना है कि सुब्रत राय बीजेपी प्रदेश के निवेशकों का पैसा नहीं लौटाना चाहते हैं। बदले में वो बीजेपी सरकार के लिए चुनावी फंड देने को तैयार हो गए हैं। इसलिए देश भर की बीजेपी सरकार सुब्रत राय के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रही है।
सहारा के निवेशकों का कहना है कि यदि शिवराज सिंह सुब्रह राय के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए तो वो बीजेपी को वोट नहीं करेंगे। हर चुनाव में बीजेपी के खिलाफ वोट किया जाएगा। हालत यह है कि प्रदेश में हर दसवें घर से सहारा के निवेशक हैं।
निवेशकों का उग्र प्रदर्शन
Shivraj-Subrata Case: रायपुर से खबर मिली थी कि छत्तीसगढ़ राज्य की एकमात्र मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय राजनीतिक दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के बैनर तले सहारा के निवेशकों ने बूढ़ापारा स्थित धरना प्रदर्शन स्थल में पहुंचकर सरकार के खिलाफ हुंकार भरी थी। हजारों की संख्या में लोग जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के साथ विशाल रैली के रूप में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए निकल पड़े थे।
बड़ी संख्या में तैनात पुलिस ने कालीबाड़ी चौक के पास बैरिकेड लगाकर रैली को रोका था। इस दौरान पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की जमकर झूमाझटकी हुई। अमित जोगी बैरिकेड के पास धरने में बैठ गए। इस दौरान प्रदर्शकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और सहारा कंपनी में जमा करोड़ों रुपये वापस दिलाने की मांग की।
इससे पूर्व धरना प्रदर्शन स्थल में हजारों पीड़ित निवेशकों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री निवास घेराव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित जोगी ने सरकार को चौतरफा घेरते हुए कहा था कि यदि भूपेश सरकार सहारा कंपनी से निवेशकों को जमा राशि वापस नहीं दिलाती है तो सड़क से लेकर सदन तक लडाई लड़ेंगे।
विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाएंगे वहीं विधानसभा का घेराव भी करेंगे। उन्होंने कहा कि गरीबों के एक पैसे को भी डूबने नहीं देंगे। कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में चिटफंड कंपनी, सहारा कंपनी के जमाकर्ताओं का एक-एक पाई वापस देने की बात की थी। लेकिन सरकार के तीन साल होने के बाद भी इस दिशा में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है।
यह निवेशकों के साथ वादाखिलाफी है। इसके अलावा श्री जोगी ने कहा कि सहारा प्रमुख सुब्रत राय जब सेवी को 17 हजार करोड़ दे कर जमानत पर छूट सकता है तो छत्तीसगढ़ के हमारे गरीब पीड़ित निवेशकों को जमा राशि क्यों वापस नहीं दी जा रही है ? अमित जोगी ने भूपेश सरकार से सहारा प्रमुख सुब्रत राय को गिरफ्तार करने की मांग की थी।