
श्रावण में भगवान शिव अर्थात् भोलेनाथ भगवान की आराधना की जाती है। इसी के साथ ही श्रावण से भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि तक भगवान श्रीकृष्ण की आराधना कोटि यज्ञ का फल का फल देने वाली होती है। आप भी अपनी राशि के अनुसार श्रीकृष्ण की भक्ति कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। राशियों के अनुसार मंत्र इस प्रकार हैं—
मेष- ॐ सुखिने नम:। वृषभ- ॐ प्रशांताय नम:। मिथुन- ॐ भुवराय नम:। कर्क- ॐ अच्युताय नम:। सिंह- ॐ रमेशाय नम:। कन्या- ॐ शुभांगाय नम:। तुला- ॐ योगमायिने नम:। वृश्चिक- ॐ यदवे नम:। धनु- ॐ ब्रजे नंदपुत्राय नम:। मकर- ॐ सुजानवे नम:। कुंभ- ॐ गर्गदिष्टाय नम:। मीन- ॐ पुराणाय नम:।
आपकी राशियां और लाभकारी उपाय : 23 जुलाई 2020
मेष: प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।
उपाय-‘ॐ ह्रीं सूर्याय नम:’ का जप करें।
वृषभ: संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर न करें।
उपाय- ॐ शं शनैश्चराय नम:’ का जप करें।
मिथुन: रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा। संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूँजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें।
उपाय-‘ॐ रां राहवे नम:’ का जप करें।
कर्क: क्रोध पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है।
उपाय-‘ॐ सों सोमाय नम:’ का जप करें।
सिंह : मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।
उपाय- ॐ शं शनैश्चराय नम:’ का जप करें।
कन्या: मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।
उपाय-‘ॐ कें केतवे नम:’ का जप करें।
तुला: यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।
उपाय- ‘ॐ कें केतवे नम:’ का जप करें।
वृश्चिक: वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है।
उपाय- ‘ॐ चं चन्द्रमसे नम:’ का जप करें।
धनु: नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।
उपाय- ‘ॐ कें केतवे नम:’ का जप करें।
मकर: नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी। रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें।
उपाय- ‘ॐ कें केतवे नम:’ का जप करें।
कुंभ: कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें।
उपाय-‘ॐ ह्रीं सूर्याय नम:’ का जप करें।
मीन: वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। दूसरों की जमानत न लें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पारिवारिक जीवन में तनाव हो सकता है। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ के योग हैं। स्थायी संपत्ति क्रय करने के योग बनेंगे। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भेंट होगी।
उपाय-‘ॐ सों सोमाय नम:’ का जप करें।
पंचांग दर्शन
शुभ विक्रम संवत्-2077, हिजरी सन्-1440-41, ईस्वी सन्-2020
अयन-दक्षिणायण
मास-श्रावण
पक्ष-शुक्ल
संवत्सर नाम-प्रमादी
ऋतु-वर्षा
वार-गुरुवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-तृतीया
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-मघा
योग (सूर्योदयकालीन)-व्यतिपात
करण (सूर्योदयकालीन)-तैतिल
लग्न (सूर्योदयकालीन)-कर्क
शुभ समय-6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
दिशा शूल-दक्षिण
योगिनी वास-आग्नेय
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-सिंह
व्रत/मुहूर्त-हरियाली/मधुश्रवा तीज
यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
आज का उपाय-मंदिर में झूला चढाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।