
Shri Sai Baba is still present in the hearts of lakhs of devotees
सांई गुरुवार
हीरालाल प्रसाद, मोतिहारी : Sai Baba: श्री सांई बाबा लाखों भक्तों के हृदय में आज भी उतने ही जीवंत रुप में विराजमान हैं जितने वह अपनी महासमधि के पूर्व थे। सांई की उपस्थिति का जिसने भी अनुभव किया, वह सदा के लिए उन्हीं का हो गया। जन्म-जन्मांतरों के पूण्यों के संचय होने से सांई के सामीप्य का संयोग मिलता है और उनकी कृपा को अपनी अनमोल धरोहर मानकर जो कोई उनकी ओर बढ़ने की शुभेच्छा रखता है,उसमें कहीं अधिक मिलन की उत्कंठा से गले लगाते हैं। जैसे कभी कृष्ण ने सुदामा को गले लगाया था। सांई अपने करुणामय स्वरूप में इतनी तल्लीनता से जीव मात्र को करुणा देते रहते हैं।
Sai Baba: सांई सबकी सुनते हैं और उनमें से अधिकांश को अपनी कहते हैं।वह सबको कुछ ना कुछ अवश्य देते हैं। ऐसा कोई नहीं जो सांई के दरबार से खाली हाथ लौटा हो। यही कारण है जो कोई सांई के शरण में आता है, वह सांई का हो जाता है और सांई उसके हो जाते हैं।