सी एस राजपूत
नई दिल्ली। अब तक तो गाय का दूध सबसे पौष्टिक और रोग प्रतिरोधक माना जाता था। हमारे समाज में गाय को पूज्य माना जाता रहा है। जिस तरह से भाजपा शासित प्रदेशों में गधी के दूध की डेयरी खोलने की तैयारी चल रही है और जितना महंगा 7000 रुपये किलो गधी का दूध बताया जा रहा है, उससे तो गधी गाय को बहुत पीछे छोड़ देगी। गाय को लेकर बवाल तो आप झेल ही चुके हैं, अब गधी को पूजने की तैयारी की जा रही है।
दरअसल, भाजपा पर आरोप लगता रहा है कि वह अंधविश्वास और भावनाएं भड़का कर लोगों को मूर्ख बनाती रही है। लोग मूर्ख बन रहे हैं तो इसमें भाजपा का क्या दोष? लोग तो 7000 रुपये लीटर गधी का दूध भी खरीदेंगे। इसी को कहते हैं सत्ता की सियासत। आम के आम, गुठलियों के दाम। यानी सारे जरूरी मुद्दों से ध्यान गधों की ओर मोड़ देना सत्ता की अगली चाल हो सकती है।
गधी को सबसे पहले हरियाणा सरकार सम्मान दे रही है। हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र से इसकी शुरुआत भी हो रही है। बाकायदा 10 गधी मंगा भी ली गई हैं। जाहिर है कि हमारे समाज में यह धारणा है कि गधा एक ऐसा पशु माना जाता है, जिस पर जितना भी बोझ लाद दो पर वह उफ तक नहीं करता है। मूर्ख व्यक्ति को गधा कहने का प्रचलन भी समाज में रहा है।
अब गधी और गधों को भी समान दिलाने के लिए भाजपा कार्य कर रही है। जब 7000 रुपये लीटर गधी का दूध बिकेगा तो गधों की कीमत तो अपने आप बढ़ जाएगी। भाजपा ने गधी का दूध पिलाकर लोगों को गधा बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। मतलब ताकतवर। कितने भी काम का बोझ डाल दो। जब लोग ताकतवर और निरोगी होंगे तो देश का विकास तो होगा ही।
तर्क दिया जा रहा है कि गधी का दूध स्वास्थ्य का खजाना है। इसमें कैंसर, मोटापा, एलर्जी जैसी बीमारियों से लड़ने के गुण हैं। मेडिकल क्षेत्र में गधी के दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का दावा भी किया जा रहा है। ऐसे में गाय, भैंस, बकरी आदि गधी के सामने कहां टिक पाएंगी?
दरअसल, भाजपा पर आरोप लगता रहा है कि भाजपा अपने समर्थकों को देवी-देवताओं में उलझाए रखती है। अब गधी देवी देवताओं से भी आगे निकल जाएगी। मोदी जी की योजना जो है। विरोधियों का यह भी आरोप रहता है कि सत्ता के लिए भाजपा एक रणनीति के तहत अपने समर्थकों को अंधविश्वास की ओर धकेले रहती है।
भाजपा नेताओं के भाषण, डिबेट में तर्कों का बहुत अभाव देखा जाता है। अब विरोधियों को अपनी धारणा बदलनी होगी। भाजपा सबसे निरीह पशु को सब पशुओं से अधिक सम्मान दिलवाने जो जा रही है। जिस देश में गाय-भैंस के दूध को महत्व मिलता रहा है। उस देश में अब मोदी जी ने गधी का महत्च बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है।
मतलब, बहुत जल्द भारतीय महिलाएं गधी की पूजा करती नजर आएंगी। मोदी जी ने अब अपने भक्तों को गर्दभ पूजन के लिए तैयार कर लिया है। भाई उनकी गधी की कद्र जो इतनी बढ़ने वाली है। वैसे यह बात पूरी तरह से नई नहीं है। गुजरात के गधों पर राजनीतिक बवाल उस समय मचा था, जब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने गधों से संबंधित विज्ञापन पर सवाल उठा दिया था।