
श्रीकांत सिंह
नई दिल्ली। ले लो…ओ…ओ…ओ कच्ची…ई…ई…ई… पक्की…ई…ई…ई रिया की खबरें…एं…एं…एं…और सुशांत राजपूत। फेरीवाला कुछ ऐसे ही आवाज लगाता है। वर्ष 1992 से पहले मुझे इलाहाबाद के ममफोर्ड में एक फेरीवाले की आवाज आज भी याद है। सुबह हो या शाम, उस फेरीवाले की आवाज जरूर सुनाई पड़ जाती थी…कच्चे…ए…ए…ए पक्के…ए…ए…ए…पपीते…ए…ए…ए…ताजा अमरूद। वह ताजा अमरूद बोलते समय अपनी आवाज बदल देता था। इसीलिए लोग उसे ब्रांडिंग मास्टर कहते थे। आवाज बदल कर वह बताने का प्रयास करता था कि उसके पास पपीते के अलावा ताजा अमरूद भी हैं।
लेकिन हमारा मीडिया तो आवाज भी नहीं बदलता। उसका एक ही सुर है—सुशांत केस। गूगल न्यूज पर फ्लैश हो रही खबरों की बात करें तो ये शीर्षक समाचार सागर में तैरते मिल जाएंगे—
रिया के पिता बोले- मुबारक हो भारत, आपने एक परिवार को तबाह कर दिया। Sushant Rajput Case: NCB के सामने Deepesh Sawant ने किए कई खुलासे। Showik और Samuel की आज कोर्ट में होगी पेशी।
NCB दफ्तर के बाहर भारी तादाद में पुलिस तैनात। Sushant Case Update: ड्रग मामले में शौविक और सैमुअल मिरांडा की कोर्ट में पेशी आज। दीपेश सांवत बना सरकारी गवाह। Sushant Singh Rajput Case: जानें- शौविक समेत उन पांच लोगों के बारे में, जिनकी ड्रग कनेक्शन में हुई गिरफ्तारी। NCB ने Showik-Miranda के लिए मांगी 7 दिन की रिमांड, थोड़ी देर में NCB की PC। आदि आदि।
क्या रिया और सुशांत केस सुलझने से आ जाएंगे अच्छे दिन? क्या रिया और सुशांत मामले को रट लेने आपके बच्चे का ज्ञान बढ़ जाएगा? क्या इससे देश की जीडीपी में माइनस 23 से आगे बढ़ पाएगी और पांच ट्रिलियन पर पहुंच जाएगी? क्या इससे भयंकर बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाएगी? क्या इससे देश कोरोना महामारी के संकट से बाहर आ जाएगा? क्या इससे स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में देश आगे बढ़ जाएगा? क्या इससे देश में अपराध होने बंद हो जाएंगे? यह आपको सोचना होगा।
यह न्यूज के ग्राहक के साथ एक धोखाधड़ी है। न्यूज का ग्राहक ही क्यों, देश के नागरिक के साथ भी धोखाधड़ी है। कहीं ऐसा तो नहीं कि राजनीतिक तौर पर आपको पंगु बनाया जा रहा है? जब दूसरी खबरें होंगी ही नहीं, तो आप एक खास खबर से आगे कुछ सोच ही नहीं पाएंगे। कहीं यह तमाम जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश तो नहीं?
अगर आपने अलादीन नाम तो सुना होगा धारावाहिक नियमित रूप से देखा होगा तो याद दिला दें कि वजीरे आला कहता था—कल एक ऐसी धमाकेदार खबर आएगी, जो हमारे खिलाफ चल रही सभी खबरों को भुलवा देगी। देश में कुछ ऐसा ही लग रहा है। किसी एक खबर को इतना ज्यादा फ्लैश किया जाता है कि लोग अपना हित अनहित सोचना भूल जाते हैं और चुनाव आने पर आसानी से भ्रमित कर दिए जाते हैं।
यदि आपको लगने लगे कि मीडिया के जरिये आपके दिमाग को सम्मोहित किया जा रहा है, तो आप अपने न्यूज चैनल की शिकायत करने के लिए आगे आ सकते हैं। न्यूज चैनल आपकी शिकायत पर ध्यान न दे तो उसे छोड़ कर समाचार के दूसरे माध्यम तलाश सकते हैं। मीडिया में सुधार आप ही ला सकते हैं और सत्ता व मीडिया के गठजोड़ पर तगड़ा प्रहार कर सकते हैं। अगर आपने ऐसा न किया तो जनप्रतिनिधि निरंतर आपको ठगते रहेंगे।