इंफोपोस्ट ब्यूरो, नयी दिल्ली। pm speech in old parliament :
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष सत्र के दौरान आज सेंट्रल हॉल में संसद सदस्यों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने सदन में अपने संबोधन का शुभांरभ गणेश चतुर्थी के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए किया। उन्होंने आज के उस अवसर का उल्लेख किया जब सदन की कार्यवाही संसद के नये भवन में चल रही होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ नए संसद भवन में जा रहे हैं।”
Addressing a programme in the Central Hall of Parliament. https://t.co/X1O1MBiOsG
— Narendra Modi (@narendramodi) September 19, 2023
pm speech in old parliament :संसद भवन और सेंट्रल हॉल के बारे में जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने इसके प्रेरक इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि प्रारंभिक वर्षों में भवन के इस भाग का उपयोग एक तरह से पुस्तकालय के रूप में किया जाता था। उन्होंने स्मरण किया कि यही वह स्थान है जहां संविधान ने आकार लिया था और स्वतंत्रता के समय यहीं सत्ता का हस्तांतरण हुआ था।
उन्होंने स्मरण किया कि इसी सेंट्रल हॉल में भारत के राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान को अपनाया गया था। प्रधानमंत्री ने बताया कि 1952 के बाद विश्व के लगभग 41 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों ने भारत की संसद के इस सेंट्रल हॉल में संबोधित किया है।
Central Hall of Parliament inspires us to fulfill our duties. pic.twitter.com/ZUWhOJNCmn
— PMO India (@PMOIndia) September 19, 2023
pm speech in old parliament :उन्होंने बताया कि भारत के विभिन्न राष्ट्रपतियों ने सेंट्रल हॉल में 86 बार संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा ने पिछले सात दशकों के दौरान लगभग चार हजार अधिनियम पारित किये हैं। प्रधानमंत्री ने संसद के संयुक्त सत्र तंत्र के माध्यम से पारित किए गए कानूनों के बारे में भी बात की और इस दहेज निषेध अधिनियम, बैंकिंग सेवा आयोग विधेयक और आतंकवाद से लड़ने के कानूनों का उल्लेख किया।
तीन तलाक पर रोक के कानून का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने तीन तलाक पर रोक लगाने वाले कानून का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने ट्रांसजेंडरों और दिव्यांगों के लिए बनाए गए कानूनों पर भी प्रकाश डाला।
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में जनप्रतिनिधियों का योगदान
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने में जन-प्रतिनिधियों के योगदान का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने बड़े गर्व के साथ यह रेखांकित किया कि हमारे पूर्वजों द्वारा प्रदान किया गया संविधान अब जम्मू और कश्मीर में लागू हो रहा है। मोदी ने कहा, “आज, जम्मू-कश्मीर शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है और यहां के लोग अब प्राप्त अवसरों को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहते।”
भारत ऊर्जा से भरपूर
स्वतंत्रता दिवस 2023 के दौरान लाल किले से किए गए अपने संबोधन को स्मरण करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अब सही समय है जो एक नई चेतना के साथ भारत के पुनरुत्थान को उजागर करता है। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि ‘‘भारत ऊर्जा से भरपूर है।” यह नवीनीकृत चेतना प्रत्येक नागरिक को समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ अपने सपनों को साकार करने में सक्षम बनाएगी।
We have to build an Aatmanirbhar Bharat in Amrit Kaal. pic.twitter.com/YyaBgtZWD6
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pm speech in old parliament :प्रधानमंत्री ने यह विश्वास व्यक्त किया कि भारत को चुने हुए मार्ग पर आगे बढ़ते हुए पुरस्कार मिलना निश्चित है। उन्होंने कहा, “तेज प्रगति दर से ही तीव्र परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।” भारत के शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व और भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में देश के शामिल होने के बारे में आश्वस्त है।
बैंकिंग क्षेत्र में मजबूती
उन्होंने भारत के बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती का भी जिक्र किया। उन्होंने भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे, यूपीआई और डिजिटल स्टैक के प्रति विश्व के उत्साह का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह सफलता विश्व के लिए आश्चर्य, आकर्षण और स्वीकार्यता का विषय बन गई है।
प्रधानमंत्री ने वर्तमान समय के महत्व पर जोर दिया, जब हजारों वर्षों में भारतीय आकांक्षाएं अपने उच्चतम स्तर पर हैं। उन्होंने कहा कि भारत की आकांक्षाएं हजारों वर्षों से जंजीरों में जकड़ी हुई थीं, अब और इंतजार करने को तैयार नहीं है, बल्कि भारत आकांक्षाओं के साथ नये लक्ष्य बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि नई आकांक्षाओं के बीच नए कानून बनाना और पुराने कानूनों से छुटकारा पाना सांसदों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’
भारत को विनिर्माण क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ के मॉडल पर प्रकाश डाला, जहां भारतीय उत्पाद किसी भी दोष से मुक्त होने चाहिए और विनिर्माण प्रक्रिया का पर्यावरण पर प्रभाव शून्य होना चाहिए। उन्होंने कृषि, डिजाइनर, सॉफ्टवेयर, हस्तशिल्प जैसे उत्पादों के लिए भारत के विनिर्माण क्षेत्र में नए वैश्विक मानक बनाने के उद्देश्य के साथ आगे बढ़ने पर जोर दिया।
We have to carry out reforms keeping in mind the aspirations of every Indian. pic.twitter.com/Oj2LuPyt8N
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नयी शिक्षा नीति
pm speech in old parliament :प्रधानमंत्री ने नई शिक्षा नीति के खुलेपन का जिक्र किया और कहा कि इसे सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया गया है।
अमृतकाल के 25 वर्षों में भारत को बड़े कैनवास पर काम करना ही होगा। pic.twitter.com/6eaFheE8JQ
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जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रदर्शन के लिए रखी गई प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की तस्वीर का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को यह बात अविश्वसनीय लग रही थी कि इस संस्थान का 1500 साल पहले भारत में संचालन होता था। श्री मोदी ने कहा, “हमें इससे प्रेरणा लेनी चाहिए और वर्तमान में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
टियर 2 और टियर 3 शहरों में खेल संस्कृति
pm speech in old parliament :देश के युवाओं की खेल में बढ़ती सफलता का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने टियर 2 और टियर 3 शहरों में खेल संस्कृति के विकास का उल्लेख किया।
मोदी ने कहा, “यह राष्ट्र का संकल्प होना चाहिए कि हर खेल पोडियम पर हमारा तिरंगा हो।” उन्होंने आम नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता से जुड़ी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देने की बात कही।