Sugarcane Farmer: चीनी मिलें किसानों को ब्याजमुक्त ऋण पर क्लोरेन्ट्रेनिलिप्रोल या अन्य समतुल्य कीटनाशक उपलब्ध कराएंगी। उधर, कर्नाटक से स्टडी टूर पर उत्तर प्रदेश आए 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ गन्ना विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। प्रतिनिधि मंडल ने क्रांतिकारी परिवर्तनों और स्मार्ट गन्ना प्रोजेक्ट की सराहना की। Sugarcane Farmer
Sugarcane Farmer: गन्ना विभाग की उपलब्धियों से जुड़ी जानकारियां साझा की
श्रीकांत सिंह
लखनऊ। Sugarcane Farmer: कर्नाटक प्रदेश के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गन्ना विकास विभाग में मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभागार में बैठक की। स्टडी टूर पर आए प्रतिनिधिमंडल के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय आर. भूसरेड्डी ने की।
श्री भूसरेड्डी ने कहा कि गन्ना विकास विभाग ने अपने हितधारकों के पक्ष में निरन्तर कड़ी मेहनत की। उसी का प्रतिफल है कि विभाग की ओर से गन्ना मूल्य भुगतान, गन्ना पेराई, चीनी उत्पादन, चीनी परता आदि के क्षेत्र में ऐतिहासिक रिकार्ड कायम किए गए हैं।
उन्होंने एस्क्रो एकाउन्ट, ई.आर.पी., खाण्डसारी, फार्म मशीनरी बैंक आदि के क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी परिवर्तनों एवं कोविड-19 के दौरान चीनी उद्योग के निरंतर संचालन से सम्बन्धित तथ्यों से प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया। उन्होंने कर्नाटक प्रदेश में चीनी उद्योग के बारे में प्रतिनिधिमंडल से जानकारी ली।
गन्ना शोध पर हुआ विचार विमर्श
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कर्नाटक राज्य में चीनी उद्योग के समक्ष आ रही तकनीकी चुनौतियों, प्रायोगिक ज्ञान की सीमाओं, अनुसंधान, गन्ना ढुलाई आदि मुद्दों पर आ रही कठिनाइयों के सम्बन्ध में चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश की गन्ना उद्योग विकास नीति एवं राज्य परामर्शित मूल्य निर्धारण प्रक्रिया, फसल बीमा, सहकारी गन्ना विकास समितियों की कार्य प्रणाली, ई-गन्ना एप, गन्ना शोध आदि के बारे में भी विस्तृत विचार विमर्श कर जानकारी हासिल की।
कर्नाटक से आये 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में कर्नाटक सरकार के 02 अधिकारी, शुगरकेन कन्ट्रोल बोर्ड के 06 नामित सदस्य एवं एस. निजलिंगप्पा शुगर इस्टीट्यूट, बेलगावी, कर्नाटक की गर्वनिंग काउन्सिल के 07 सदस्यों द्वारा बैठक में प्रतिभाग किया।
इनमें मुख्य रूप से एस. निजलिंगप्पा शुगर इस्टीट्यूट की एग्रीकल्चर डिवीजन के प्रमुख श्री एन.आर. येकेली, एस.निजलिंगप्पा शुगर इस्टीट्यूट के उपाध्यक्ष श्री अशोक पाटिल, इण्डियन शुगर केन फामर्स एसोशियेशन के अध्यक्ष श्री के.शान्ताकुमार के साथ अन्य प्रतिनिधियों में से श्री वैंकटेश, वी.एच.विदाई, कृष्णकान्त रेड्डी, श्री रमेश अन्नप्पा आदि ने अपने विचार रखे।
प्राकृतिक आपदाओं के दौरान गन्ना फसल प्रबन्धन
गन्ना विभाग के अपर गन्ना आयुक्त, मुख्यालय वाई.एस.मलिक ने प्राकृतिक आपदाओं के दौरान गन्ना फसल प्रबन्धन, फसल बीमा आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी। अपर गन्ना आयुक्त आर.पी. यादव, वी.के. शुक्ल ने भी अपने विचार रखे।
संयुक्त गन्ना आयुक्त समिति वी.बी. सिंह ने सहकारी गन्ना विकास समितियों के संचालन एवं विश्वेश कनौजिया ने उत्तर प्रदेश गन्ना पूर्ति एवं खरीद विनियमन अधिनियम एवं सम्बन्धित नियमावली पर प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में उ.प्र. शुगरमिल एसोशियेशन के महासचिव दीपक गुप्तारा एवं उनके सहयोगी डब्लू.एच. जैदी एवं आनन्द त्रिपाठी भी शामिल रहे।
कीटनाशक के मूल्य का समायोजन देय गन्ना मूल्य से
चोटी बेधक, अंकुर बेधक एवं अन्य कीटों से बचाव के लिए चीनी मिलें ब्याज मुक्त ऋण पर गन्ना किसानों को कीटनाशक उपलब्ध कराएंगी। कीटनाशक का मूल्य अगले पेराई सत्र 2022-23 की अंतिम पर्चियों के देय गन्ना मूल्य से समायोजित किया जाएगा।
यह जानकारी प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी संजय आर. भूसरेड्डी ने दी। उन्होंने बताया कि कतिपय चीनी मिल क्षेत्रों में अर्ली षूटबोरर (अंकुर बेधक) एवं टाॅपबोरर (चोटी बेधक) के बढ़ते प्रकोप एवं फसल सुरक्षा के लिए क्षेत्रीय गन्ना किसानों की मांग एवं चीनी मिलों के अनुरोध पर इच्छुक किसानों को ब्याज मुक्त ऋण पर क्लोरेन्ट्रेनिलिप्रोल या अन्य समतुल्य कीटनाशक उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया है।
श्री भूसरेड्डी ने कहा कि किसानों को कीटनाशक उनके वास्तविक गन्ना क्षेत्रफल के सापेक्ष और जरूरत के अनुसार पेराई सत्र में एक बार ही वितरित किया जाएगा। चीनी मिलें किसी किसान को उसकी सहमति के बिना अथवा व्यावसायिक गतिविधि के रूप में क्लोरेन्ट्रेनिलिप्रोल या अन्य कीटनाशक का वितरण नहीं करेंगी।
करों के भुगतान की जिम्मेदारी चीनी मिल की
उन्होंने कहा, गन्ना किसानों को वितरित किए गए कीटनाशक की गुणवत्ता कीटनाशक अधिनियम, 1968 और कीटनाशक नियम, 2019 के अनुसार होनी चाहिए। गन्ना आयुक्त के निर्देशानुसार, केंद्र सरकार और राज्य सरकार को कीटनाशक के वितरण पर करों के भुगतान की जिम्मेदारी चीनी मिल की होगी।
चीनी मिल की ओर से कीटनाशक के वितरण के लिए चयनित प्लाटों एवं किसानों की सूची जिला गन्ना अधिकारी को उपलब्ध कराई जाएगी। गन्ना किसानों को उपलब्ध कराये जाने वाले कीटनाशक के वास्तविक मूल्य पर 20 प्रतिशत की छूट चीनी मिलें खुद वहन करेंगी।
क्षतिपूर्ति बंध-पत्र भी प्रस्तुत करना होगा
Sugarcane Farmer: ऋण समायोजन की अनुमति के लिए आवदेन करने वाली चीनी मिलों को 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर नोटराइज़्ड शपथ-पत्र एवं गन्ना आयुक्त के नाम से 5 लाख रुपये की एक वर्ष वाली बैंक गारंटी और 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर नोटराइज़्ड क्षतिपूर्ति बंध-पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।ऋण समायोजन में किसी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में सम्बंधित धनराशि की कटौती चीनी मिल की ओर से प्रस्तुत पांच लाख रुपये की बैंक गारंटी से की जाएगी।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि कुछ प्रतिबंधों के साथ क्लोरेन्ट्रेनिलिप्रोल या अन्य समतुल्य कीटनाशक के वितरण के लिए दी गई अनुमति से चीनी मिल क्षेत्रों में अर्ली शूटबोरर (अंकुर बेधक) एवं टाॅपबोरर (चोटी बेधक) के बढ़ते प्रकोप पर नियंत्रण एवं गन्ना उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी।