
Tajinderpal Singh Bagga: कृषि प्रधान देश भारत की राजनीति लगता है कि ड्रामा प्रधान हो गई है। तभी तो खेती की अर्थव्यवस्था पर कहीं कोई चर्चा नहीं होती। हंगामों से फुर्सत मिले तब न। कभी लाउडस्पीकर तो कभी हनुमान चालीसा से देश में चर्चा का माहौल गर्म रहता है। अब भाजपा नेता तेजिंदरपाल सिंह बग्गा मीडिया से लेकर राजनीति के गलियारों तक छा गए हैं। जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
Tajinderpal Singh Bagga: दिल्ली और पंजाब की पुलिस आमने सामने, बीच में हरियाणा पुलिस
श्रीकांत सिंह
Tajinderpal Singh Bagga: अभी तक देश के लोग उकसावे में आकर आपस में टकरा रहे थे, लेकिन अब हमारे देश की पुलिस भी टकराव की शिकार हो रही है। आज कुछ ऐसा ही हुआ। तेजिंदरपाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी पर कुछ ऐसा ड्रामा रचा गया कि दिल्ली और पंजाब की पुलिस को आमने सामने आना पड़ा। बीच में हरियाणा पुलिस को भी अपना किरदार निभाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
हुआ यह कि पहले पंजाब पुलिस दिल्ली आई और भाजपा नेता तेजिंदरपाल सिंह बग्गा को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें पंजाब के मोहाली ले जाया जा रहा था कि बीच में हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को रोक लिया। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि बग्गा के परिजनों ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी थी कि बग्गा का अपहरण कर लिया गया है। मामला दर्ज करके यह जानकारी दिल्ली पुलिस ने हरियाणा पुलिस को दे दी थी। हरियाणा पुलिस ने बग्गा को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया।
और दिल्ली में शुरू हो गया सियासी ड्रामा
फिर क्या था? भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी भी आमने सामने आ गए। दिल्ली में भाजपा नेताओं ने जम कर प्रदर्शन किया। बग्गा की गिरफ्तारी को भाजपा अवैध साबित करने में जुट गई तो आम आदमी पार्टी ने इसे कानून का रास्ता रोकने की कार्रवाई करार दिया। भाजपा का आरोप है कि पंजाब की सत्तासीन आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब पुलिस का दुरुपयोग कर रही है और नियमों को ताक पर रखकर काम कर रही है।
नियम यह है कि किसी राज्य की पुलिस जब किसी दूसरे राज्य में गिरफ्तारी करने जाती है तो उस राज्य की पुलिस को सूचित करती है। अब पंजाब की पुलिस ने बग्गा की गिरफ्तारी के संबंध में दिल्ली की पुलिस को सूचित किया या नहीं, इस पर भी विवाद है। पंजाब पुलिस का कहना है कि उसने दिल्ली की पुलिस को सूचना दी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस कह रही है कि उसे कोई सूचना नहीं थी। इसीलिए तो परिजनों की शिकायत पर अपहरण का मामला दर्ज किया।
क्यों हुई तेजिंदर सिंह बग्गा की गिरफ्तारी?
भाजपा नेता तेजिंदर सिंह बग्गा पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपत्तिजनक बयान जारी किए थे। आम आदमी पार्टी के नेता सनी सिंह ने मोहाली पुलिस के साइबर सेल में बग्गा के ट्वीट को आपत्तिजनक बताते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर मोहाली पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया था।
बग्गा ने द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर अरविंद केजरीवाल के बयानों का विरोध किया था। आपको याद होगा कि केजरीवाल के बयानों पर भी काफी हंगामा हुआ था। भाजपा ने कहा था कि केजरीवाल ने कश्मीरी हिंदुओं के दर्द का मजाक बनाया था। जबकि केजरीवाल ने कहा था कि उन्होंने कश्मीरी पंडितों का नहीं, भाजपा का मजाक बनाया था।
क्या कहती है भाजपा नेता तेजिंदर सिंह बग्गा की प्रोफाइल?
तेजिंदर सिंह बग्गा 2011 में कश्मीर पर टिप्पणी के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण पर हमला करने के कारण चर्चा में आए थे। तजिंदर बग्गा के नाम से मशहूर भाजपा नेता तजिंदरपाल सिंह बग्गा को 2020 में भाजपा ने दिल्ली चुनावों के दौरान हरि नगर विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवार बनाया था।
तब से बग्गा ट्विटर पर कुख्यात ट्रोलिंग के लिए ऑनलाइन बड़े पैमाने पर चर्चा का विषय बनते गए। 36 वर्षीय बग्गा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भगत सिंह क्रांति सेना नामक एक अति-राष्ट्रवादी फ्रिंज संगठन की स्थापना करके की थी। 2011 में संगठन तब चर्चा में आया, जब बग्गा ने कश्मीर पर टिप्पणी के लिए वकील प्रशांत भूषण और लेखिका अरुंधति रॉय पर हमला कर दिया था। संगठन हर उस व्यक्ति पर हमला करता है, जिसे वह “राष्ट्र विरोधी” मानता है।
राजनीतिक लामबंदी के बल पर बने भाजपा के चहेते
वैसे, यह संगठन राजनीतिक लामबंदी के लिए बनाया गया, जिससे भाजपा में बग्गा का नंबर बढ़ सके। बग्गा ने भाजपा और उसके नेताओं के लिए जन समर्थन जुटाया। उन्होंने सोशल मीडिया, विशेष रूप से ट्विटर का उपयोग किया। इसी क्रम में उन पर फर्जी खबरें फैलाने के आरोप लगे।
उन्होंने ट्विटर पर बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के खिलाफ एक ट्रोल अभियान भी चलाया। क्योंकि पादुकोण 2019 में जेएनयू छात्र नेताओं का समर्थन कर रही थीं। उनके इन्हीं कार्यों का पुरस्कार उन्हें 2017 में मिला और बग्गा को दिल्ली भाजपा का प्रवक्ता बना दिया गया।
बग्गा के ट्विटर फॉलोअरों की संख्या बहुत बड़ी है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। यह एक ऐसा तथ्य है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बग्गा ने कितनी प्रसिद्धि हासिल की है। लेकिन बग्गा पर अक्सर संदर्भ से बाहर या उन तरीकों से छवियों को साझा करने का आरोप लगाया गया, जो किसी छवि या वीडियो के अर्थ को विकृत करते हैं।
मेरी राय में क्या सही और क्या गलत?
Tajinderpal Singh Bagga: जहां तक द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर अरविंद केजरीवाल के बयान का सवाल है, तो मुझे नहीं लगता कि उन्होंने किसी भी रूप में कश्मीरी पंडितों का मजाक बनाया। उन्होंने तो बहुत हल्के फुल्के मजाकिया अंदाज में भाजपा पर टिप्पणी की थी। उन्होंने किसी को गाली नहीं दी थी, जिसके बदले में उन पर की गई टिप्पणियां मर्यादित नहीं कही जा सकतीं।
रही बात पुलिस की, तो यह समझ में नहीं आ रहा है कि किस प्रदेश की पुलिस सच बोल रही है और किस प्रदेश की पुलिस झूठ। दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। और केंद्र में भाजपा की सरकार है। हरियाणा में भी भाजपा की सरकार है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। ऐसे में पुलिस का रवैया क्या होगा, इसका भी अंदाजा लगाए जाने की जरूरत है।
देश के मीडिया का भी यही हाल है। ऐसे में, सच कौन बताएगा? बेहतर होगा कि आप सुनें सबकी और निष्कर्ष खुद निकालें। हमारी राय से यदि आप असहमत हैं, तो कमेंट करके अपनी राय दे सकते हैं। हमारे लिए आपकी राय बहुत महत्वपूर्ण है। उससे हमें भी ठीक निष्कर्ष तक पहुंचने में काफी मदद मिलेगी। फिर मिलेंगे किसी और पेचीदा विषय के साथ।