TB: टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस एक बैक्टीरिया जनित रोग है। बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस शरीर के सभी अंगों में प्रवेश कर जाता है। यह आम धारणा है कि टीबी सिर्फ फेफड़े में ही होती है। लेकिन फेफड़ों के अलावा आंतों, मस्तिष्क, हड्डियों, जोड़ों, गुर्दे, त्वचा और हृदय जैसे अहम अंगों में भी टीबी हो सकती है।
TB: सामुदायिक केंद्र में 100 टीबी मरीजों को बांटा गया पोषाहार
इंफोपोस्ट न्यूज, नोएडा। TB: राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नोएडा सेक्टर-39 स्थित सामुदायिक केंद्र में बृहस्पतिवार को टीबी से ग्रसित 100 बच्चों को आरएचएएम गाजियाबाद व जिला क्षय रोग समिति ने पोषाहार का वितरण किया।
जिला क्षय रोग अधिकारी गौतमबुद्धनगर डाॅ. शिरीश जैन ने बताया कि 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का प्रधानमंत्री का संकल्प है। इसी के तहत जिला क्षय रोग विभाग व रोटरी हेल्थ अवेयरनेस मिशन लगातार प्रयासरत है।
पोषण वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी गौतमबुद्धनगर डाॅ. दीपक ओहरी ने की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विभाग जागरूकता कार्यक्रम तो चला ही रहा है। साथ ही टीबी मरीज के पोषण पर भी ध्यान दे रहा है।
बच्चों-किशोरों को दिया पोषाहार
TB: इसी सिलसिले में जिला क्षय रोग समिति ने रोटरी क्लब के सहयोग से टीबी से ग्रसित 18 साल से कम उम्र के बच्चों-किशोरों को पोषाहार दिया। शासन की गाइड लाइन के अनुरूप हाॅरलेक्स, बिस्कुट, दलिया, खिचड़ी, फ्रूटस, चना, दाल आदि न्यूट्रिशियन के पैकेट उन्हें दिए गए। रोगी का इलाज चलने तक उन्हें पोषाहार दिया जाता है।
TB: रोटरी हेल्थ अवेयरनेस मिशन के फाउंडर एवं चेयर डाॅ. धीरज कुमार भार्गव ने बताया कि आरएचएएम ने सीएमओ और जिला क्षयरोग समिति के सहयोग से 18 वर्ष से कम उम्र के टीबी ग्रसित 450 मरीजों को जनवरी 2020 में गोद लिया था। इनमें से 75 रोगियों की देखरेख रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली राॅयल के अध्यक्ष रोटेरियन मनन बंसल और 25 रोगियों की देखरेख डीडीजेड 20-21 के असिस्टेंट गर्वनर एवं पूर्व अध्यक्ष रो. विनोद अग्रवाल कर रहे हैं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रोटरी डिस्ट्रिक 3012 के डीजीई रोटेरियन अशोक अग्रवाल व विशिष्ठ अतिथि जोन-4 की असिस्टेंट गवर्नर 20-21 रोटेरियन अमिता महिंद्रू, मुख्य चिकित्साधिकारी गौतमबुद्धनगर डाॅ. दीपक ओहरी, जिला क्षय रोग अधिकारी गौतमबुद्धनगर डाॅ. शिरीष जैन, आरएचएएम के फाउंडर एवं चेयर रोटेरियन डाॅ. धीरज कुमार भार्गव, रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली राॅयल्स के अध्यक्ष रो. मनन बंसल, डीडीजेड 20-21 के असिस्टेंट गर्वनर एवं पूर्व अध्यक्ष रो. विनोद अग्रवाल ने पोषाहार का वितरण किया।
बैक्टीरिया जनित रोग
मुख्य चिकित्सा अधिकारी गौतमबुद्धनगर डाॅ. दीपक ओहरी ने बताया कि टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस एक बैक्टीरिया जनित रोग है। बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस शरीर के सभी अंगों में प्रवेश कर जाता है। यह आम धारणा है कि टीबी सिर्फ फेफड़े में ही होती है। लेकिन फेफड़ों के अलावा आंतों, मस्तिष्क, हड्डियों, जोड़ों, गुर्दे, त्वचा और हृदय जैसे अहम अंगों में भी टीबी हो सकती है।
कई सरकारी अस्पतालों में इसकी जांच और दवाई निशुल्क है। छाती का एक्स रे, बलगम की जांच, स्किन टेस्ट से इसका पता चलता है। टीबी का सबसे साफ लक्षणों में खांसी होना है। अगर किसी को तीन हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक खांसी रहती है तो उसे टीबी की जांच करानी चाहिए। इसके अलावा, खांसी के साथ बलगम/कफ आना या थूक में कभी-कभी खून आना भी इस बीमारी का लक्षण है।
मुख्य अतिथि रोटरी डिस्ट्रिक 3012 के डीजीई रोटेरियन अशोक अग्रवाल ने बताया कि इन बच्चों को अतिरिक्त पोषाहार उपलब्ध कराने के साथ ही संगठन इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि टीबी रोगी नियमित दवा ले रहे हैं या नहीं। जनपद गौतमबुद्धनगर में टीबी रोग से ग्रसित 450 बच्चों को गोद लिया गया है।
हर माह 500 रुपये पोषण भत्ता भी
विशिष्ठ अतिथि जोन-4 की असिस्टेंट गवर्नर 20-21 रोटेरियन अमिता महिंद्रू ने बताया कि मरीजों को अक्षय पोषण योजना के तहत हर माह 500 रुपये पोषण भत्ता भी मिलता है। यह राशि मरीज के खाते में सीधे भेजी जाती है। उन्होंने बताया दवा के साथ-साथ टीबी मरीज को पोषाहार की बहुत जरूरत होती है।
आरएचएएम के फाउंडर एवं चेयर रोटेरियन डाॅ. धीरज कुमार भार्गव ने बताया कि मरीजों को पर्याप्त पोषाहार मिले। इसके लिए टीबी मरीज बच्चों को गोद लिया गया। गोद लिए टीबी ग्रसित इन बच्चों की नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जाती है।
इन बच्चों के माता-पिता से मिलकर उनकी काउंसलिंग करते हैं। उन्होंने मरीजों को कहा कि टीबी की दवा बीच में छोड़ना बहुत ही घातक हो जाता है। इससे टीबी की बीमारी और बिगड़ जाती है। मरीज नियमित रूप से टीबी की दवा खाते रहें। बीच में दवा न छोड़ें।
टीबी कोई आनुवंशिक रोग नहीं
रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली राॅयल्स के अध्यक्ष रो. मनन बंसल ने बताया कि टीबी कोई आनुवंशिक रोग नहीं है। यह किसी को भी हो सकता है। जब कोई स्वस्थ व्यक्ति टीबी रोगी के पास जाता है और उसके खांसने, छींकने से जो जीवाणु हवा में फैल जाते हैं उसको स्वस्थ व्यक्ति सांस के से ग्रहण कर लेता है। इस रोग से बचने के लिए साफ-सफाई रखना और हाइजिन का ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है।
इस दौरान आरएचएएम मैंबर राजेश मिश्रा, दयानंद शर्मा, संदीप मिगलानी, सोनिया, अनिल छाबड़ा, ललित शर्मा, विनोद अग्रवाल, वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक बिजेंद्रपाल, डीपीटीसी से ललन सिंह यादव, डीपीसी से अम्बूज पांडेय, पीपीएम से पवन भाटी, एसटीएलसी से रविंद्र राठी, एसटीसी से ब्रजपाल मावी, कमल आर्य आदि उपस्थित रहे।