Tej Sapru: फिल्म चट्टान के खूंखार डॉन मुन्ना भाई का किरदार निभा रहे 350 से भी ज्यादा फिल्मों में विलेनिश रोल्स और विविध किरदार निभाने वाले नामवर अभिनेता तेज सप्रू के खूंखार रोल की काफी चर्चा है। हम साझा कर रहे हैं उन्हीं से एक बातचीत।
Tej Sapru: मनोज कुमार की फिल्म ‘शहीद’ से शुरुआत
इंफोपोस्ट न्यूज
आपका बतौर अभिनेता बरसों का कैरियर रहा है। आपने खल और विविध पॉजिटिव रोल्स किए हैं। आज आप अपने को कहाँ पाते हैं?
Tej Sapru: चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर मनोज कुमार की फिल्म ‘शहीद’ से शुरुआत की। फिर मिथुन चक्रवर्ती हीरो के साथ दूसरे हीरो बना सिनेमाटोग्राफर निर्देशक रवि नगाइच की फिल्म ‘सुरक्षा’ में बस फिर क्या था? ऑडियंस और इंडस्ट्री में अच्छा रेकोनाइज़ेशन मिला। राजपूत, ग्रेफतार, इंसाफ की आवाज, तेज़ाब, त्रिदेव, गुप्त, मोहरा, सिर्फ तुम, साजन आदि फिल्मों में नोटेबल रोल्स किए। आज सिल्वर स्क्रीन, स्माल स्क्रीन और ओटीटी पर बा-इज़्ज़त काम कर रहा हूँ। सभी के ब्राइट रिस्पांस मिल रहे हैं।
बदले मौसम में फिल्मों की मेकिंग और ऑडियंस के रुझान में भी फर्क आ गया है। आपने तो फिल्मों का गोल्डन पीरियड देखा है और इस समय भी एक्टिव हैं। फिल्म अंचलों की करंट पोजीशन पर आप किस तरह रियेक्ट करते हैं?
टाइम फैक्टर तो हर लाइन में होता ही है। मैंने बहुत बढ़िया काम किया है। फिल्मों और टी.वी. में खूब अच्छे चैलेंजिंग मौके भी मिले। यह मैं बहुत पहले ही समझ गया था कि टी.वी. बड़ा होने वाला है। इसलिए मैं सीरियसली इसकी तरफ मुड़ गया। सात फेरे, कुबूल है, सलोनी का सफर, यहाँ मैं घर घर खेली, ज़ी होर्रर शोज, हर फूल मोहिनी में काम किया।
हाँ, 2019—20 में कोविड की वजह से फिल्म इंडस्ट्री में डायनेमिक चेंज आया। उसका थिएटर फिल्म मेकिंग डिस्ट्रीब्यूशन सभी फ़ंक्शस पर बुरा इम्पैक्ट पड़ा। मगर पिछले दो सालों में ओटीटी आया जिसकी वजह से प्रतिभा सम्पन्न गुमनामी में रहे कई कलाकारों को ब्रेक मिले। मुझे उम्मीद है कि पहले जैसा सब नार्मल हो जाएगा।
‘चट्टान’ में आप फुलफ्लैश विलेन का रोल कर रहे हैं। यह किस तरह की फिल्म है और आपके रोल की खासियत क्या है?
जैसा कि मैं आपको संक्षेप में बता ही चुका हूँ कि ‘चट्टान’ नब्बे के फ्लेवर की जांबाज़ पुलिस इंस्पेक्टर रंजीत सिंह और शासन की शह पे गैर क़ानूनी अनैतिक काले धंधे में लिप्त डॉन मुन्ना भाई के बीच सच्ची टसल पर आधारित एक्शन म्यूजिकल ड्रामा फिल्म है। यह फिल्म मेरे कैरियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि बरसों के कैरियरग्राफ में मुझे फुलफ्लैश विलेन मुन्ना भाई का किरदार करने का मौका मिला है।
मेरे रोल में कई शेड्स हैं। इस कैरेक्टर को मैंने खुद के मैनेरिज़्म पर प्ले किया है। कहानी, स्क्रिप्ट, डायलॉग्स, ड्रेसअप, लुक, लोकेशंस, म्यूजिक, सिंगर्स, बैक ग्राउंड और सभी कलाकारों की एक्टिंग स्किल्स 90 की याद दिलाएगी।
‘चट्टान’ कंटेंट बेस्ड एक्शन ड्रामा म्यूजिकल फिल्म है जबकि फिल्म टीवी और ओटीटी पर डार्क सिनेमा का चलन हावी है। ऐसे समय रियल इन्सिडेंटल फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर रिस्क नहीं है?
बिलकुल नहीं। फ़िल्में समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं और सोसाइटी में जो घट रहा है, लोग उसे ही पर्दे पर देखना चाहते हैं। हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी (जो कि सोशल फिल्म है) की सफलता इस बात का परिचायक है कि ऑडियंस फिर सोशल और पारिवारिक सिनेमा की तरफ लौटने लगी है।
‘चट्टान’ इस दृष्टि से कम्पलीट रियलिस्टिक सोशल फिल्म है। इसके सभी पक्षों को बेहतर रखने की कोशिश पूरी टीम ने संजीदगी के साथ की है। निर्मात्री रजनिका गांगुली और मल्टी मीडिया निर्देशक सुदीप डी. मुखर्जी ने इसे बड़े अच्छे ढंग से बनाया है।
सुनने में आया है कि आप हिंदी फिल्मों समेत 13 भाषाओं की फिल्मों में अलग अलग रोल्स कर रहे हैं। इनमें तेलुगु फिल्म सरदार पटेल के टाइटल रोल करने की चर्चा बहुत गर्म है। अलग अलग भाषा और विज़न को कैसे मैनेज कर पाते हैं?
जी हाँ, मैं भारत का एकमात्र अभिनेता हूँ जिसने हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, राजस्थानी, भोजपुरी, गुजराती, मराठी, हरियाणवी, बंगाली, तामिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में विलेनिश रोल्स किए हैं। तेलुगु फिल्म सरदार पटेल में शीर्षक किरदार करना सचमुच मेरे लिए बड़े गौरव की बात है।
‘चट्टान’ में सुदीप डी. मुखर्जी के निर्देशन में आपका कैसा अनुभव रहा ?
वह फैंटास्टिक क्राफ्टमैन है। ‘चट्टान’ को कागज़ से सेल्युलाइड पर बखूबी उतारने के विजन में सुदीप बहुत माहिर रहा है। बिना किसी न्यू टेक्नोलॉजी और ताम झाम के उसने घरेलू माहौल में फिल्म कम्पलीट की और 22 सितम्बर 2023 को रिलीज़ करने जा रहे हैं।
क्या आप चट्टान 2 में नेगेटिव रोल नहीं कर रहे हैं ?
Tej Sapru: सभी के लिए एक अलग ही पेशकश होगी। अब इस से ज़्यादा अभी चट्टान 2 से संबधित किसी भी मुद्दे पर चर्चा कर पाना कठिन है।