अगर आप हाथ को सेनेटाइज करना भूल जाते हैं तो इसका एक उपाय खोज लिया गया है। एक ऐसा दस्ताना बनाया गया है जो खुद ही रोगाणु मुक्त हो जाता है। इसमें ऐसी व्यवस्था है कि इसे पहनने पर उंगलियों के दबाव से सेनेटाइजर का रिसाव होता रहता है।
उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित एक निजी विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एक स्मार्ट उपकरण विकसित किया है जो सामाजिक दूरी के नियम का उल्लंघन होते ही आगाह करता है। इसके अलावा संस्थान ने ऐसा दस्ताना विकसित किया है जो स्वत: रोगाणु मुक्त हो जाता है।
स्मार्ट उपकरण बैटरी से चलता है। अनुसंधानकर्ताओं का दावा है कि यह कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में बहुत कारगर हैं।
एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि सामाजिक दूरी का अनुपालन कराने वाला उपकरण कलाई घड़ी की तरह है और किसी के छह फीट से कम दूरी पर आने पर चेतावनी देने लगता है।
यह बहुत ही छोटा, लाने-ले जाने में आसान, सस्ता और कम ऊर्जा खपत करने वाला उपकरण है। इस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से दो लोगों के बीच छह फीट की दूरी सुनिश्चित की जा सकती है और इसका उल्लंघन होने पर अलार्म और रोशनी के जरिये यह चेतावनी देता है।
इस उपकरण की कीमत 400 से 500 रुपये के बीच होगी और इसकी बैटरी को आसानी से चार्ज किया जा सकता है। अनुसंधान दल प्रख्यात वैज्ञानिक और विश्वविद्यालय के ही इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस रिसर्च ऐंड स्टडीज (वस्तु एवं उपकरण) के प्रोफेसर वीके जैन के नेतृत्व में पिछले तीन महीने से सक्रिय है।
अनुसंधान दल ने एक लॉकेट भी बनाया है जो चेहरा छूने पर हर बार उपयोकर्ता को बताता है। इससे लोग बार-बार चेहरा छूने की आदत में बदलाव कर सकते हैं। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि जैसे ही व्यक्ति का हाथ चेहरे के पास जाता है यह लॉकेट अलार्म और एलईडी लाइट और कंपन के जरिये उसे आगाह करने लगता है।
विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने एक दस्ताना भी विकसित किया है जो न केवल इसे पहनने वाले को बचाता है बल्कि विषाणु के प्रसार को भी रोकता है।
दस्ताने की भीतरी परत सामान्य सुरक्षा के लिए है और दूसरी परत में सैनिटाइजर होता है। तीसरी और ऊपरी परत से रोगाणु मुक्त करने वाली दवा निकलती है जो वायरस को फैलने से रोकती है। सैनेटाइजर का स्राव उंगलियों की गति से पड़ने वाले दबाव के आधार पर होता है।