
न्यूयार्क। अमेरिकी सेना की एक रिपोर्ट ने दुनिया के तमाम देशों को चिंता में डाल दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया के पास अब 60 परमाणु बम हो गए हैं, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रासायनिक हथियार रखने वाला देश हो गया है। रिपोर्ट में इस बात का विवरण है कि उत्तर कोरिया के पास कितने जैविक हथियार हैं और उन्हें कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
दरअसल, उत्तर कोरिया अपने परमाणु बमों के जखीरे को लगातार बढ़ा रहा है। किम जोंग उन की सेना के निशाने पर अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया हैं। उत्तर कोरिया के पास दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा रासायनिक हथियारों का जखीरा है। उसका कुल वजन पांच हजार टन से ज्यादा है।
यूएस डिपॉर्टमेंट ऑफ आर्मी हेडक्वॉर्टर की नार्थ कोरिया टेक्टिस नाम की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किम जोन उन अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए इन हथियारों का त्याग नहीं करेंगे। उत्तर कोरिया के पास हर साल 6 नए उपकरणों को बनाने की क्षमता है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उत्तर कोरिया के पास लगभग 20 प्रकार के 2,500 से 5,000 टन तक रासायनिक हथियार होने का अनुमान है। संभावना जताई गई है कि उत्तर कोरिया की सेना इन रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल तोपखाने के गोले बनाने में कर सकती है। इसके अलावा किम की सेना ने बॉयोलॉजिकल वेपन को भी विकसित किया है, जिसे किसी भी मिसाइल में फिट किया जा सकता है।
दरअसल, उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को इसलिए विकसित कर रहा है क्योंकि उसे लगता है कि परमाणु हमला करने का खतरा उसके दुश्मन देशों को उत्तर कोरिया में तख्तापलट करने की आशंकाओं से रोकेगा। यह भी कहा गया कि किम जोंग उन लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी की मौत के गवाह रहे हैं और वह नहीं चाहते कि उत्तर कोरिया में ऐसा हो।
एक तरफ किम जोंग उन परमाणु हथियार बनाने में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी ओर हालात ऐसे हैं कि देश के लोगों के सामने भोजन का संकट पैदा हो गया है। चावल, मक्का, फल, मीट और मछली की कमी पड़ने से लोगों को कछुआ खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। देश के वैज्ञानिकों ने लोगों को ज्यादा खाना खाने से रोकने के लिए गोलियां बांटना शुरू कर दिया है।
इसी को कहते हैं शासक की तानाशाही। अपने गुरूर को बनाए रखने के लिए उत्तर कोरिया के तानाशाह राष्ट्रपति किम जोंग उन को अपनी ही जनता की कोई परवाह नहीं है। उसकी हरकतों से देश दुनिया के जो देश परेशान हैं, वह अलग।