Transparent Solar Windows: बिजली बिल लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है। उससे भी बड़ी समस्या बिजली उत्पादन से पैदा होने वाले कार्बन उत्सर्जन से है। तभी तो दुनिया कार्बन उत्सर्जन कम करने में लगी है। इस समस्या को दूर करने के लिए विज्ञानी क्या कर रहे हैं, आज चर्चा इसी पर।
Transparent Solar Windows: ट्रांसपैरेंट सोलर विंडो एक अच्छा विकल्प
इंफोपोस्ट न्यूज डेस्क
Transparent Solar Windows: वैज्ञानिक खोजों और आविष्कारों से यह साफ हो गया है कि ट्रांसपैरेंट सोलर विंडो एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह सोलर पैनल घरों की खिड़की और बालकनी में लगाया जा सकता है। उससे पावर सप्लाई मिलती रहेगी और कोई बिजली बिल भी नहीं भरना पड़ेगा।
गैर पारंपरिक पावर सेक्टर में हर दिन नए रिसर्च किए जा रहे हैं। गांव के घर हों या फिर शहरों की हाईराइज बिल्डिंग्स, इन सभी जगहों पर घरों की खिड़की पर कांच का इस्तेमाल होता ही है। अगर इसी कांच की जरिये हम बिजली पैदा कर सकें, तो हमारा बिजली बिल कम हो सकता है। साथ ही पावर सप्लाई के लिए एक और विकल्प मिल जाएगा।
क्या है ट्रांसपैरेंट सोलर विंडो की टेक्नोलॉजी?
खिड़की के कांच से बिजली सप्लाई की बात अभी भले ही काल्पनिक लगे, लेकिन भविष्य में यही कल्पना हकीकत में बदल सकती है। ट्रांसपैरेंट सोलर पैनल एक कटिंग एज टेक्नोलॉजी है। इसका इस्तेमाल कर खिड़की और बालकनी से आने वाली धूप का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए किया जा सकता है! रिसर्चरों ने इस पर काफी काम भी किया है।
दरअसल, ट्रांसपैरेंट सोलर पैनल कंसंट्रेटर की तरह काम करते हैं। इसका मतलब है कि ये पैनल स्पेसिफिक यूवी और इंफ्रारेड लाइट वेवलेंथ को सोख लेते हैं, जो हमें दिखाई नहीं देतीं। इन वेवलेंथ को एनर्जी में बदला जा सकता है। और उससे बिजली बना कर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तकनीक से पावर सेक्टर में बड़ी क्रांति आ सकती है।
विज्ञानियों ने बनाया ट्रांसपैरेंट ग्लास सोलर पैनल
विज्ञानियों ने ट्रांसपैरेंट ग्लास सोलर पैनल बना लिया है। इस टेक्नोलॉजी को फोटोवोल्टिक ग्लास भी कहा जाता है। मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी में 2014 में रिसर्चरों ने पहला पूरी तरह से ट्रांसपैरेंट सोलर कॉन्सेन्ट्रेटर तैयार किया था, जो किसी ग्लास शीट या खिड़की को पूरी तरह से पीवी सेल में बदल सकता है।
अमेरिका और यूरोप के विज्ञानियों ने 2020 तक 100 प्रतिशत ट्रांसपैरेंट सोलर ग्लास तैयार कर लिया था, जो कि हमें इस परिकल्पना के और नजदीक ले आया। भवन निर्माण के आधुनिक दौर में हर जगह ग्लास का उपयोग किया जाता है। बड़े भवनों में तो पूरी की पूरी दीवार ही ग्लास की होती है। इसी ग्लास की जगह पर नई तकनीक का प्रयोग कर बिजली की बड़ी समस्या को दूर किया जा सकता है।