
Tricolor Official: तिरंगे को लेकर तरह तरह की बातें की जा रही हैं। सत्ता उसे देशभक्ति बता रही है तो विपक्ष नाटक। कहा यह भी जा रहा है कि जिन लोगों ने लंबे समय तक तिरंगा नहीं फहराया, आज उन पर तिरंगे का जुनून क्यों सवार है? क्या तिरंगा ही देशभक्ति जताने का एकमात्र पैमाना है? आरोप है कि देशभक्ति दिखाने के लिए सरकार कुछ के बजाय कुछ कर रही है।
Tricolor Official: कहां है अच्छे दिन का तिरंगा?
रमेश कुमार “रिपु”
Tricolor Official: देश के सारे कर्मचारियों के वेतन से तिरंगे के लिए पैसे काटे जाएंगे। यह कैसी देशभक्ति है? भक्ति दिल से होती है, जेब काटने से नहीं। मोदी सरकार महंगाई बेरोजगारी से ध्यान बांटने के लिए देशभक्ति के नाम पर खिलवाड़ कर रही है। करोड़ों तिरंगे खरीदे जाएंगे।
एक दिन के लिए देश भक्ति का दिखावा होगा और उसी दिन महंगाई गिर जाएगी। बेरोजगारी दूर हो जाएगी। रुपया डॉलर को पछाड़ देगा। कंगाल हो रहे बैंक मालामाल हो जाएंगे। देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर उतर आएगी। लगता है मोदी इसी जादू की बात कर रहे थे। तिरंगा फहराइए और जादू देखिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी बेरोजगारी दर
केंद्र में बीजेपी की आठ साल के कार्यकाल में 22 करोड़ लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया और मात्र सात लाख 22 हजार लोगों को नौकरी मिली। जून 2022 में कृषि सेक्टर में एक करोड़ तीन लाख लोगों के रोजगार चले गए। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर मई में 6.65 प्रतिशत थी जो बढ़कर जून 2022 में 8.03 फीसदी हो गई।
देश में दिसंबर 2021 तक 3:30 करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार थे। 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर करीब चार करोड़ हो गया है। मोदी सरकार देश में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ा रही है और लोगों को कह रही है कि देश भक्त बनें।
आरबीआई ने खड़े कर दिए हाथ
आरबीआई ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। उसका कहना है कि लोग खरीदारी कम कर दें तो महंगाई कम हो जाएगी। निवेशक देश को छोड़कर दूसरी जगह जा रहे हैं और अपना डॉलर देश के बैंकों से निकाल रहे हैं। यही वजह है कि रुपया लगातार गिरता जा रहा है। रुपया कमजोर होने और आयात बढ़ने से महंगाई बढ़ रही है।
केंद्र सरकार ने 1568 प्रोजेक्ट की घोषणा की लेकिन धन न होने से प्रोजेक्ट अधूरे हैं या फिर चालू ही नहीं हुए। प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 22 लाख करोड़ रुपये चाहिए। यदि सभी प्रोजेक्ट 2024 तक पूरे नहीं हुए तो इनकी लागत 30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगी।
क्या तिरंगा फहराने से ही पूरे हो जाएंगे सारे प्रोजेक्ट?
सवाल यह है कि क्या तिरंगा फहराने से ही सारे प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे? देशवासी तिरंगा तो पहले भी फहराते थे। सियासी नौटंकी से देशभक्ति नहीं जागती। देशभक्ति क्या होती है, यह सीमा पर खड़े सैनिकों से पूछिए। भारत माता की जय और वंदे मातरम तो सभी कहते हैं और कहते आए हैं।
75 वर्ष की आजादी हो या फिर 50 वर्ष की आजादी में कितना देश बदल गया और अर्थव्यवस्था कितनी बदल गई यह आज भी सवाल है। तिरंगा फहराने से अच्छे दिन आ जाएं तो एक नहीं दस फहराइए।