UP CM Yogi Adityanath Oath: अवधी की देसी कहावत है, गाए गाए बियाह होइ जात थ। यानी जिसके लिए विवाह गीत गाए जाते हैं, उसका विवाह हो जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल की सूची सामने आई, तो कहावत चरितार्थ नहीं हो पाई। और कयासों के विपरीत कई दिग्गज मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हो पाए।
UP CM Yogi Adityanath Oath: कई दिग्गज मंत्रिमंडल में नहीं, धरे रह गए कयास
श्रीकांत सिंह
नई दिल्ली। UP CM Yogi Adityanath Oath: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम पिछले 10 मार्च को ही आ गए थे। लेकिन इस चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार का गठन कई दिन बाद शुक्रवार 25 मार्च को शाम सवा चार बजे हो सका।
लखनऊ के इकाना स्टेडियम का नामकरण अटल जी के नाम पर हो चुका है। इसी स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। योगी मंत्रिमंडल की सूची ने तो सभी को चौंका दिया।
भइया ये भाजपा है, क्या पता कब क्या हो जाए
शुक्रवार को सुबह से ही यूपी के कई दिग्गज नेताओं के फोन की घंटियां बज रही थीं। फोन करने वालों में ज्यादातर पत्रकार विरादरी के लोग थे। सभी यह जानना चाह रहे थे कि किस नेता को योगी कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है। लेकिन नेताओं ने चुप्पी साध रखी थी। एक नेता ने तो यहां तक कह दिया, भइया ये भाजपा है। कुछ भी हो सकता है। कोई चर्चा ना करियो। कहीं चर्चा से काम न बिगड़ जाए।
और हुआ भी यही। मंत्री पद के लिए जिन नेताओं के नाम चर्चा में थे, उनमें से अधिकतर राज्य मंत्री भी नहीं बन पाए। खैर। भाजपा के उन विजेता दुखी नेताओं के प्रति अब सहानुभूति ही जताई जा सकती है।
दिनेश शर्मा की चर्चा सबसे ज्यादा
ऐसे नेताओं में दिनेश शर्मा की चर्चा सबसे ज्यादा की जा रही है। पिछली सरकार में वह उप-मुख्यमंत्री थे। इस बार उनकी जगह ब्रजेश पाठक को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है। केशव प्रसाद मौर्य के बाद ब्रजेश पाठक ने उप-मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली।
केशव प्रसाद मौर्य योगी आदित्यनाथ की पूर्ववर्ती सरकार में भी उप-मुख्यमंत्री थे। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव हार गए थे। बावजूद इसके, पार्टी ने उन पर भरोसा बरकरार रखा है। माना जाता है कि वह मोदी और शाह के करीबी होने के कारण दोबारा उसी पद को हासिल करने में कामयाब रहे हैं। यह सौभाग्य भाजपा के बिरले नेताओं को मिल पाता है। यह भी हो सकता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जातीय समीकरण साधा जा रहा हो।
दो डिप्टी सीएम और 16 कैबिनेट मंत्री
योगी आदित्यनाथ की टीम में कुल 52 मंत्रियों ने शपथ ली है। इनमें 16 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। गौरतलब है कि निवर्तमान डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थनाथ सिंह और मुकुट बिहारी वर्मा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है।
कैबिनेट मंत्रियों में राकेश सचान, अरविंद कुमार शर्मा, योगेंद्र उपाध्याय, आशीष पटेल, संजय निषाद, भूपेंद्र चौधरी, अनिल राजभर, नंद गोपाल नंदी, जितिन प्रसाद, बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जयवीर सिंह, धर्मपाल सिंह, सुरेश खन्ना, सूर्य प्रताप शाही और स्वतंत्र देव सिंह शामिल हैं।
स्वतंत्र प्रभार के 14 और 20 राज्य मंत्रियों की सूची
स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों में अरुण कुमार सक्सेना, दयाशंकर मिश्र दयालु, जेपीएस राठौर, दयाशंकर सिंह, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, गुलाब देवी, गिरीश चंद्र यादव, धर्मवीर प्रजापति, असीम अरुण, नितिन अग्रवाल, कपिल देव अग्रवाल, रवीन्द्र जायसवाल और संदीप सिंह शामिल हैं।
राज्य मंत्रियों में रजनी तिवारी, सतीश शर्मा, दानिश आजाद अंसारी, विजय लक्ष्मी गौतम, सोमेंद्र तोमर, अनूप प्रधान, प्रतिभा शुक्ला, राकेश राठौर गुरू, संजय गंगवार, बृजेश सिंह, केपी मलिक, सुरेश राही, अजीत पाल, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मनोहर लाल मन्नू कोरी, मयंकेश्वर सिंह, दिनेश खटिक, संजीव गोंड और बलदेव सिंह ओलख शामिल हैं।
ताजनगरी का कद बढ़ा, भाजपा ने संतुलन बनाया
योगी सरकार में लगातार दो बार नौ विधायकों को जिताने वाली ताजनगरी आगरा का कद बढ़ा है। पिछली सरकार में जहां प्रदेश के मंत्रिमंडल में आगरा के दो विधायकों को राज्यमंत्री बनाया गया था। इस बार पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य और योगेंद्र उपाध्याय को कैबिनेट में जगह दी गई है। वहीं एमएलसी धर्मवीर प्रजापति को मंत्रिमंडल में दोबारा जगह दी गई है। दलित, पिछड़ा और अगड़ा तीनों वर्गों को प्रतिनिधित्व देकर भाजपा ने संतुलन बनाया है।
उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकीं बेबीरानी मौर्य ने मेयर से मंत्री तक सफर तय किया है। वह 1995 में आगरा की मेयर बनी थीं। इसके बाद भाजपा में कई बड़े पदों पर रहीं। अगस्त 2018 में उन्हें उत्तराखंड में राज्यपाल बनाया गया था। 8 सितंबर 2021 को उन्होंने राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी।
योगी के गांव पंचुर में जश्न
योगी आदित्यनाथ के दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले शुक्रवार की सुबह से ही उत्तराखंड के पंचुर गांव में जश्न का माहौल बना रहा। गांववालों ने नृत्य-संगीत के जरिये भी खुशी का इजहार किया। सीएम योगी की मां सावित्री देवी काफी खुश नज़र आ रही थीं। सीएम योगी जल्द ही मां का आशीर्वाद लेने पंचुर जा सकते हैं।
सीएम योगी ने कहा था कि दो वर्षों से मां से बात नहीं हई है। लेकिन चुनाव के बाद मिलने जरूर जाऊंगा। उन्होंने कहा था कि दो साल पहले मेरे पिताजी का निधन हुआ था। उसके बाद मैं जा नहीं पाया था। मैं तब से भय के मारे भी और संकोच के नाते भी बात नहीं कर पाया।