UP Elections: इस बार के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी ने मिलकर भाजपा के दांत खट्टे कर दिए हैं। तभी तो आरएलडी आई रे … गाना धूम मचा रहा है। मोदीनगर में सुदेश शर्मा की लोकप्रियता से भाजपा घबरा गई है। तभी तो भाजपा के शीर्ष नेता अमित शाह को वहां जाना पड़ रहा है।
श्रीकांत सिंह
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव सात चरणों में कराए जा रहे हैं। पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है। तभी तो चुनाव प्रचार अब तेज हो गया है। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मोदीनगर में सुदेश शर्मा के समर्थन में सभा करके चुनावी माहौल को गरमा दिया है। यह गर्मी शिमला की बात करने वाली भाजपा तक पहुंच गई है। तभी तो अमित शाह मोदीनगर पहुंच रहे हैं।
पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर वोट डाले जाने हैं। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दलों के बड़े नेताओं ने अब अपना पूरा ध्यान पश्चिमी यूपी पर ही लगा दिया है।
इसके साथ ही ये समझने की कोशिश हो रही है कि किस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए क्या गेम-प्लान है? बीजेपी के कई नेता जैसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों के दौरे कर चुके हैं। वे मंदिर और क़ानून-व्यवस्था के मुद्दे उठा चुके हैं। लेकिन मोदीनगर के लोगों का मूड कुछ और ही है।
UP Elections: नरेंद्र मोदी और अमित शाह
बीजेपी के तमाम बड़े नेता लोगों से मंदिरों को लेकर किए गए काम को ज़रूर गिना रहे हैं, लेकिन जनता को जमीनी मुद्दों की दरकार है। क्योंकि लोग अपने क्षेत्र में सुविधाएं चाहते हैं। मोदी-शाह की जोड़ी शायद इस बात को नहीं समझ पा रही है। हो सकता है कि उन्हें स्थानीय मुद्दों के बारे में बताया ही न गया हो। कुछ लोग इसे शीर्ष नेतृत्व का घमंड भी करार दे रहे हैं कि वे जनता को भ्रमित कर चुनाव जीत लेंगे। बंगाल में इन नेताओं ने यही भूल की थी।
UP Elections: जयंत ने दे दिया था झटका
राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी पर भाजपा नेताओं ने बहुत डोरे डाले, लेकिन जयंत चौधरी ने उन्हें ठुकरा दिया था। जयंत चौधरी अजीत सिंह के पुत्र हैं। उनका किसान आंदोलन से गहरा रिश्ता रहा है। पिछले दिनों जयंत चौधरी भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत से आशीर्वाद भी ले आए। अब माना जा रहा है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों का 90 प्रतिशत वोट राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के गठबंधन को मिलेगा। इस आधार पर कहा जा सकता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा का कमल मुरझा जाएगा और गठबंधन कोई नया गुल खिला सकता है।