Urvashi Dance and Music Society: वंदे भारत वर्षा ऋतु के आगमन पर कथक की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर उर्वशी डांस एंड म्यूजिक सोसायटी ने कोरोना वॉरियर्स को सलाम किया।
Urvashi Dance and Music Society: उर्वशी डांस एंड म्यूजिक सोसायटी की एक शानदार प्रस्तुति
इंफोपोस्ट न्यूज
Urvashi Dance and Music Society: स्वतंत्रता दिवस को हर भारतीय हर्ष और उल्लास से मनाता है। इस दिवस को वंदे मातरम के जरिये उर्वशी डांस एंड म्यूजिक सोसायटी ने मनाया। सोसायटी की ओर से कथक की प्रस्तुति दी गई।
इस अवसर पर रेखा मेहरा ने कहा, वैसे तो सभी ऋतुएं प्रकृति की देन हैं। और पृथ्वी के संचालन में उनकी अहम भूमिका होती है। लेकिन वर्षा ऋतु को सभी की रानी कहा जाता है। क्योंकि यह मन को मोह लेती है। आत्मा को तृप्त करती है।
निर्माण करती है प्रकृति
इसलिए एक कलाकार की कला इससे कभी अछूती नहीं रहती। उर्वषी डांस एंड म्यूजिक सोसायटी की अध्यक्ष डॉक्टर रेखा मेहरा का कहना है कि ईश्वर ने जब पृथ्वी का निर्माण किया तो उसमें बेहतरीन प्रकृति का स्वरूप स्त्री को ही दिया। जो कि निर्माण करती है।
स्त्री मां भी है तो एक पत्नी भी। कहीं वो प्रेम के रूप में राधा बन जाती है तो कहीं मां दुर्गा बन कर सर्वनाश भी कर देती है। स्त्री प्रकृति है जो भरपूर रूप से आपको बांटती है।
यदि आप उसका अपमान करते हैं तो वह अपनी सारी संवेदना भूलकर विनाशक भी बन जाती है। वंदे मातरम प्रस्तुति के सभी कलाकारो ने कोरोना वारियर को प्रस्तुति अर्पित की। इप्सा नरुला, दामिनि बिस्ट, हिमानि गुप्ता, दीपक और गौरव ने भी प्रस्तुति दी।
क्या है कथक नृत्य?
यह नृत्य कहानियों को बोलने का साधन है। इस नृत्य के तीन प्रमुख घराने हैं। पहला कछवा के राजपूतों की राजसभा में जयपुर घराने का। अवध के नवाब की राजसभा में लखनऊ घराने का। और वाराणसी की सभा में वाराणसी घराने का जन्म हुआ। अपनी विशिष्ट रचनाओं के लिए प्रसिद्ध एक कम प्रसिद्ध ‘रायगढ़ घराना’ भी है।