Water Temple: पावापुरी में महावीर स्वामी की अंत्येष्टि हुई। उस स्थान पर अपार जनसमूह एकत्रित हुआ था। ये लोग इस पावन स्थल की थोड़ी-थोड़ी मिट्टी अपने साथ लेकर गए थे। वे इतनी मिट्टी ले गए कि वहां एक विशाल सरोवर बन गया। पावापुरी का जल मंदिर इसी सरोवर के मध्य स्थित है।
Water Temple: क्यों जैनियों का भी प्रमुख त्योहार है दीपावली?
Water Temple: हमारे देश की धार्मिक परंपरा में जैन धर्म का युगांतकारी महत्व है। और बौद्ध धर्म की तरह ही जैन धर्म ने भी वैदिक धर्म की रूढ़ियों और आडंबर से छठी शताब्दी ईसा पूर्व में देश के जनमानस में नवीन चेतना का सूत्रपात किया। जैन धर्म की स्थापना और प्रचार प्रसार में इसके 24वें तीर्थंकर महावीर का योगदान उल्लेखनीय है।
महावीर का जन्म बिहार के वैशाली में हुआ था। और उन्होंने सत्य की खोज में गहन तपस्या की थी। सत्य-अहिंसा के प्रचार प्रसार में वह आजीवन संलग्न रहे। महापरिनिर्वाण 72 वर्ष की आयु में दीपावली के दिन बिहार के पावापुरी में हुआ। इसलिए यह जैन मतावलंबियों का प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है। और दीपावली जैन जैनियों का भी प्रमुख त्योहार है।
पावापुरी में श्रद्धालुओं का आगमन
इस दिन पावापुरी में हजारों श्रद्धालुओं का आगमन होता है। और यहां सुंदर मेला लगता है। जनश्रुति के अनुसार पावापुरी में जिस स्थल पर महावीर की अंत्येष्टि हुई। उस स्थान पर अपार जनसमूह एकत्रित हुआ था।
ये लोग अग्निसंस्कार के बाद इस पावन स्थल की थोड़ी-थोड़ी मिट्टी अपने साथ लेकर गए थे। वे इतनी मिट्टी ले गए कि वहां एक विशाल सरोवर बन गया। पावापुरी का जल मंदिर इसी सरोवर के मध्य स्थित है। यह संगमरमर का बना सुंदर मंदिर है।
पावापुरी का जल मंदिर और कमल
पावापुरी का जल मंदिर कमल के श्वेत-अरुण फूलों से आच्छादित रहता है। यहां से थोड़ी दूर पर ग्राम मंदिर है। और यह महावीर की निर्वाण भूमि पर स्थित है। यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना है। बिहार सरकार कुछ साल पहले जल मंदिर के चारों ओर पत्थर का घेरा और सरोवर के किनारे भ्रमण पथ बनवाया था।
इसके अलावा जलमंदिर के पास ही वर्द्धमान इंस्टीट्यूट आफ हायर मेडिकल साइंसेज की स्थापना की गई है। पावापुरी के पास ही नालंदा भी स्थित है। यह एक ग्रामीण स्थल है और यहां चतुर्दिक फैले धान के खेत अपनी सुषमा से मन को शांति से भर देते हैं।
पावापुरी एक छोटा रेलवे स्टेशन है। यहां का तीर्थक्षेत्र बिहार शरीफ-नवादा रोड पर स्थित है। यहां बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अनेक सुंदर धर्मशालाएं हैं। राजगीर की प्रसिद्ध जैन संस्था वीरायतन ने यहां तीर्थंकर महावीर विद्या मंदिर की स्थापना की है। यह बच्चों का एक सुंदर विद्यालय है।