बात 12 साल पहले की है जब जनवरी 2008 में खेले गए सिडनी टेस्ट में विवादित ‘मंकीगेट’ प्रकरण हुआ था। ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह को एंड्रयू साइमंड्स के साथ नस्लीय दुर्व्यवहार के आरोप में आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) ने तीन मैचों में खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस घटना को याद करते हुए अनिल कुंबले ने कहा है कि मंकीगेट विवाद में हरभजन सिंह की भी गलती थी।
मंकीगेट मामला इतना बढ़ गया था कि भारत को हरभजन पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ अपील दायर करनी पड़ी थी। इस दौरे को बीच में छोड़ भारत लौटने की मांग भी होने लगी थी। मामले में सचिन तेंदुलकर की गवाही हुई थी जिसके बाद हरभजन से प्रतिबंध हटाया गया था।
कुंबले ने भारतीय ऑफ स्पिनर आर अश्विन से उनके यू-ट्यूब चैनल ‘डीआरएस विद ऐश’ पर कहा कि एक कप्तान के रूप में आप आमतौर पर मैदान पर निर्णय लेने के लिए तैयार रहते हैं। यहां मुझे कुछ ऐसी चीजों का सामना करना पड़ा जो मैदान के बाहर की थीं। मुझे खेल के हित में निर्णय लेना था। हमारे टीम के खिलाड़ी हरभजन पर नस्लीय टिप्पणी करने के कारण तीन मैचों का प्रतिबंध लगा दिया गया था।
उसके बाद हमने इस फैसले के खिलाफ अपील की थी। कुंबले ने कहा कि हमें साफ तौर पर टीम के रूप में एक साथ होना था। लेकिन उस समय ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि टीम दौरा बीच में छोड़ वापस चली जाएगी। हालांकि ऐसा करने पर लोगों को लगता कि भारतीय टीम ने कुछ गलत किया होगा, इसलिए लौट गई।
पूर्व कप्तान ने कहा कि मेरे ख्याल से कप्तान या टीम के तौर पर हम दौरे पर सीरीज जीतने जाते हैं। दुर्भाग्य से पहले दो टेस्ट के नतीजे हमारे पक्ष में नहीं रहे थे लेकिन बाकी दो मैचों को जीत कर हमारे पास सीरीज बराबर करने का मौका था।
मैं भाग्यशाली था कि टीम में सीनियर खिलाड़ी और पूर्व कप्तान शामिल थे। उन्होंने कहा कि हमने एक टीम के रूप में यह दौरा जारी रखने का फैसला किया और यह निर्णय लिया कि हम सीरीज के बाकी मैच खेलेंगे और जीतेंगे क्योंकि इससे हमारे प्रशंसकों में सही संदेश जाएगा।