श्रीकांत सिंह
नई दिल्ली। उमर खालिद की गिरफ्तांरी पर प्रशांत भूषण ने सवाल उठाए हैं। दिल्ली दंगा मामले में जवाहरलाल यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की गिरफ्तारी को लेकर लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने भी उमर खालिद की गिरफ्तारी का विरोध किया है।
दरअसल, जेएनयू से पीएचडी करने वाले उमर खालिद 2016 में पहली बार सुर्खियों में आए। जेएनयू में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ कथित तौर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसी के बाद खालिद समेत तब जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और सात अन्य छात्रों के खिलाफ राष्ट्र्रद्रोह का केस दर्ज किया गया था। अब दिल्ली दंगा मामले में उमर खालिद की गिरफ्तारी हुई है।
कई शिक्षाविदों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से जारी एक बयान में उमर खालिद की गिरफ्तारी की निंदा की गई है। प्रशांत भूषण ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव, जयति घोष और अपूर्वानंद का नाम लेने के बाद अब उमर खालिद की गिरफ्तारी से दिल्ली दंगे की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के दुर्भावनापूर्ण नजरिये को समझने में कोई संदेह नहीं बचा है।
यह पुलिस की ओर से जांच की आड़ में शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं को फंसाने की साजिश है। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने भी उमर खालिद की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट में कहा, हैरान हूं कि आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए का इस्तेमाल एक युवा और आदर्शवादी उमर खालिद को गिरफ्तार करने के लिए किया गया।
जिसने हमेशा किसी न किसी रूप में हिंसा और सांप्रदायिकता का विरोध किया है। वो निस्संदेह उन नेताओं में से हैं, जो भारत के हकदार हैं। दिल्ली पुलिस भारत के भविष्य को लंबे समय तक हिरासत में नहीं रख सकती।
JNU के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगों से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसी साल फरवरी में हुई हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी। खालिद को पूछताछ के लिए रविवार को स्पेशल सेल के लोधी कॉलोनी वाले ऑफिस में तलब किया गया था।
दोपहर एक बजे पहुंचे खालिद को शाम होते-होते गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने खालिद से 31 जुलाई को भी पूछताछ की थी। तब उनका फोन सीज कर दिया गया था। दिल्ली पुलिस आने वाले दिनों में उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट दायर करने की तैयारी में है।
पुलिस के अनुसार, उनके पास खालिद के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। एफआईआर में सब-इंस्पेक्टर अरविंद कुमार ने एक इन्फॉर्मर के हवाले से कहा कि उमर खालिद ने किसी दानिश नाम के शख्स और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली दंगों की साजिश रची थी।
एफआईआर के अनुसार, खालिद ने कथित तौर पर दो अलग-अलग जगहों पर भड़काऊ भाषण दिए। FIR कहती है कि खालिद ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान नागरिकों से बाहर निकल कर सड़कें ब्लॉक करने को कहा ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रॉपेगैंडा फैलाया जा सके।
दिल्ली के रहने वाले उमर खालिद के पिता स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के सदस्य और वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर्स डिग्री लेने के बाद उमर खालिद ने जेएनयू का रुख किया। यहां से मास्टर्स और एम. फिल करने के बाद उन्होंने पीएचडी भी पूरी कर ली है। पढ़ाई के साथ-साथ खालिद की दिलचस्पी ऐक्टिविज्म में भी रही है।