
न्यूज डेस्क, मॉस्को। दुनिया के तमाम देशों में युद्ध के हालात पैदा हो रखे हैं। ऐसे में अलग अलग देशों खास कर महाशक्तियों सामरिक क्षमता का अंदाजा लगाया जा रहा है। इसी आधार पर शक्ति संतुलन तय होता है। शक्ति संतुलन के कारण ही विश्व युद्ध से बचना संभव हो सका है। क्योंकि शक्तिशाली देश यह सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि यदि अगला भी अधिक ताकतवर है तो युद्ध में ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
दरअसल, अमेरिका के पास दुनिया का सबसे विस्तृत एयर डिफेंस सिस्टम है, लेकिन एक हथियार ऐसा है जिसे यह सिस्टम भी इंटरसेप्ट नहीं कर पाने में सक्षम नहीं है। रूस के पास है Avangard हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल। देश के पहले स्ट्रैटिजिक मिसाइल फोर्स रेजिमेंट परमाणु क्षमता वाले इस वीइकल को जंगी बेड़े में शामिल किया गया है।
चीन के न्यूज आउटलेट Sina के मुताबिक, इस वीइकल की स्ट्राइक स्पीड और इंटरसेप्शन से बचने की ताकत इसे परमाणु बम से भी ज्यादा खतरनाक बनाती है। Avangard के जरिये रूस अमेरिका को संदेश देना चाहता है कि रूस की मिसाइलों के सामने अमेरिका का एयर डिफेंस किसी काम का नहीं है।
पिछले साल ही रूस के रक्षा मंत्री सर्जेई शोइगू ने इस बात की पुष्टि की थी कि इसे जंगी बेड़े में शामिल किया गया है। रूस की स्ट्रैटिजिक मिसाइल फोर्स के कमांडर कर्नल जनरल सर्जेई काराकीव ने कहा था कि Avangard को यासनेन्स्की मिसाइल कंपाउंड में मॉस्को से 1,200 किलोमीटर दूर तैनात किया गया है।
कुछ दिन पहले ही द वॉशिंगटन पोस्ट में छपे जर्नलिस्ट बॉब वुडवर्ड की किताब के अंश में यह पता चला था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा परमाणु हथियार सिस्टम बनाने का दावा किया था जो देश में पहले कभी नहीं देखा गया था। उन्होंने यहां तक कहा था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ऐसा कुछ पहले कभी सुना भी नहीं होगा।