
दिल्ली में अतिक्रमण एक बड़ी समस्या है। लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में तो समस्या कहीं ज्यादा जटिल है। जानते हैं कि वहां क्या चल रहा है।
झुग्गी झोपड़ी वालों के अतिक्रमण से सभी परेशान
आईपी न्यूज
नई दिल्ली। वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया के फैक्टरी मालिक इस बात से दुखी हैं कि उनकी समस्या पर गौर नहीं किया जा रहा है। और तो और, उनकी शिकायतों को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है। सिर्फ हादसा होने का इंतज़ार किया जाता है।
जब तक कहीं आग न लग जाए और बिल्डिंग न गिर जाए, तब तक शासन प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। अंत में होता यही है कि सरकार किसी न किसी पर जिम्मेदारी डाल देती है। कमेटी बना दी जाती है और सारे नेता अफ़सोस जताने आ जाते हैं। लेकिन समस्या का हल कभी भी नहीं निकलता।
रोज़ नई परेशानियां, सुनवाई कभी भी नहीं
फैक्टरी मालिकों का कहना है, हम लोग काफी समय से सरकार का ध्यान इस तरफ दिला रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। रोज़ नई परेशानियां खड़ी होती रहती हैं। हम यहां के लोगों को रोज़गार देते हैं, लेकिन ये लोग बजाय काम करने के, हमी से लड़ना झगड़ना पसंद करते हैं।
सरकार तब तक सचेत नहीं होती, जब तक कोई अनहोनी या दुर्घटना न हो जाए। ये पूरा एरिया सैकड़ों फैक्ट्रियों से भरा हुआ है। इसी क्षेत्र से ट्रेन भी गुजरती है। लेकिन पटरी के दोनों तरफ झुग्गी झोपड़ी वालों का अतिक्रमण चल रहा है। यहां के लोग वाहन तक पार्क करने नहीं देते हैं। वाहन पार्क कर दिया तो लड़ने आ जाते हैं और धमकी भी देते हैं।
रेल पटरी की ब्रिक्स तक बेच देते हैं अतिक्रमणकारी
यहां के ये लोग नशा के लिए पटरी पर लगी ब्रिक्स खोलकर सौ डेढ़ सो रुपये में बेच देते हैं। यहां से गुज़रने वाले व्यपारियों से लूटमार भी करते हैं। वे नशा करके इधर उधर गिरे रहते हैं। इनको ये नहीं पता होता कि ऐसा करके ये रेलवे का नुकसान तो कर ही रहे हैं, अपनी जान भी जोखिम में डाल रहे हैं।
यदि किसी फैक्ट्री में आग लग जाए या कोई रेल दुर्घटना हो जाए तो अतिक्रमण के कारण एम्बुलेंस या फायर बिग्रेड की गाड़ी भी नहीं पहुंच पाएगी। लाखों लोगो की जान जाखिम में है। हम सभी फैक्ट्री मालिकों का सरकार से अनुरोध है कि इनको यहां से हटाकर कहीं और जगह दे दी जाए।
समस्या से फैक्ट्री मालिकों को निजात दिलाई जाए
फैक्ट्रियों तक जाने वाले रास्ते पर झुग्गीवालों की दुकानों, रेहड़ी-पटरियों की वजह से पैदल चलने तक ही राह नहीं मिल पाती है। फैक्ट्री मालिकों की मांग है कि दिल्ली सरकार या जिसकी भी जिम्मेदारी बनती है, समस्या से फैक्ट्री मालिकों को निजात दिलाए।
जाहिर है कि संबंधित एजेंसी को तत्परता से कार्रवाई करनी चाहिए। इस खबर से संज्ञान न लिया गया तो एक दिन लोगों को हादसे का शिकार होना पड़ेगा। उसका खामियाजा रेलवे को भी भुगतना पड़ेगा। बता दें कि रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ लंबे समय से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।