Yog or Yoga: वेब पोर्टल इंफोपोस्ट में स्वागत है आपका। आज चर्चा योग पर। योग का प्रादुर्भाव भारत में हुआ। लेकिन विदेशों में जाकर यह योगा बन गया। जानते हैं कि दोनों में सिर्फ शब्द का अंतर है या कुछ और।
Yog or Yoga: योग का अर्थ जोड़ना: डॉ. गोपाल
Yog or Yoga: दरअसल जो विदेशों प्रचलित योगा है, उसका संबंध सिर्फ शरीर से माना जाता है। लेकिन भारत में जो योग है, उसका संबंध तन, मन और जीवन से है। दिल्ली में इंटरनेशनल यूथ हॉस्टल के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में इस विषय पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर ग्लोबल योग अलायन्स के प्रेजिडेंट डॉ. गोपाल ने कहा कि तन मन और आत्मा की शुद्धता का नाम ही योग है। योग का अर्थ ही जोड़ना है।
योग भारत की देन
वैसे तो योग भारत की देन है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पूरे विश्व ने इसे जिस आत्मीयता से अपनाया है और अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाया है वो बहुत ही सराहनीय है।
योग न सिर्फ हमें शरीर को स्वस्थ रखना सिखाता है बल्कि हमारी आत्मा को शुद्धता देता है। शुद्ध शरीर में ही शुद्ध आत्मा का वास होता है।
‘बूस्टिंग इम्युनिटी-द होलिस्टिक वे’
कार्यक्रम के दौरान डॉ. गोपाल की पुस्तक ‘ बूस्टिंग इम्युनिटी-द होलिस्टिक वे ‘ का विमोचन किया गया। मौके पर एएएफटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह, गुजरात के पूर्व गृहमंत्री महेंद्र भाई त्रिवेदी, पोपुलर ग्रुप ऑफ़ कंपनीज के चेयरमैन सुधीर गोकरन मौजूद थे।
पुस्तक के प्रकाशक हैं पोपुलर ग्रुप ऑफ़ कंपनीज के चेयरमैन सुधीर गोकरन। उन्होंने कहा कि अभी तक हम लोग अन्य विषयों की पुस्तकों पर ध्यान देते थे। लेकिन अब हम योग पर फोकस कर रहे हैं। और हम चाहते हैं कि बच्चे पुस्तक से जानकारी हासिल कर योग का अनुसरण करें।
सुख दुःख में समान रहना सिखाता है योग
महेंद्र भाई त्रिवेदी ने कहा कि योग हमें सुख दुःख में समान रहना सिखाता है। और मानसिक द्वंद्व को खत्म करता है।
डॉ. संदीप मारवाह ने कहा कि योग ने पिछले कुछ वर्षों में जो प्रसिद्धि पाई है, उससे पूरा विश्व नतमस्तक है। खासकर कोरोना काल में। और अच्छी बात है कि युवाओं का भी इस तरफ ध्यान गया है। सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नहीं बल्कि रोज़गार के लिए भी।
कार्यक्रम के अंत में पहले ऑनलाइन कोवोकेशन योग सर्टिफिकेशन कोर्स 2020 -21 के छात्रों को प्रमाणपत्र दिए गए।