न्यूज फीचर डेस्क, नई दिल्ली। मशरूम लोगों की एक पसंदीदा सब्जी है। हरियाणा के सोनीपत में इसकी बहुतायत में खेती की जाती है। सब्जी के ठेलों पर सफेद रंग का यह मशरूम पैकेट में बिकता है। लेकिन जिस मशरूम की हम बात करने जा रहे हैं, वह दुनिया का सबसे जहरीला मशरूम है। उसे छूते ही आप बीमार पड़ जाएंगे।
दरअसल, मशरूम प्रोटीन और फाइबर का सबसे अच्छा स्त्रोत है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों की वजह से इसे सुपरफूड की श्रेणी में रखा गया है। यह एक प्रकार का कवक (फंगस) है, जो बरसात के दिनों में सड़े-गले कार्बनिक पदार्थ पर अपने आप उग जाता है।
यह भी सच है कि सभी तरह के मशरूम खाए नहीं जाते। कुछ मशरूम जहरीले भी होते हैं। शोधकर्ताओं ने एक ऐसे खतरनाक और जहरीले मशरूम की प्रजाति का पता लगाया है, जिसे खाना तो दूर, उसे छूने मात्र से ही आप बीमार हो सकते हैं।
लाल रंग का यह जहरीला कवक ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। इससे पहले जानकारों का मानना था कि यह कवक जापान और कोरिया जैसे एशियाई देशों में ही होता है। लेकिन यह कवक ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में भी मिलता है।
इस जहरीले कवक की वजह से जापान और दक्षिण कोरिया में कई लोगों की मौत हुई है। लोगों ने इसे पारंपरिक चिकित्सा में इस्तेमाल किया जाने वाला खाद्य कवक समझ कर चाय में मिलाकर पी लिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह कवक इतना जहरीला होता है कि इसे खाने से ऑर्गन फेल होने लगते हैं। इंसान के अंग काम करना बंद कर देते हैं और दिमाग को भी नुकसान पहुंचता है। इस कवक को छूने मात्र से ही शरीर में सूजन हो सकती है।
जेम्स कुक विश्वविद्यालय (जेसीयू) के शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह एकमात्र ऐसा कवक है, जिसका जहर त्वचा के जरिये अवशोषित हो सकता है। पोडोस्ट्रोमा कॉर्नू-डामा नामक इस जहरीले कवक को सबसे पहले चीन में 1895 में खोजा गया था।
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस कवक को इंडोनेशिया और न्यू पापुआ गिनी में भी देखा गया है। बीबीसी के मुताबिक, डॉक्टर बैरेट ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में मशरूम को ज्यादा पसंद नहीं किया जाता। यही वजह है कि अब तक इस जहरीले कवक का पता नहीं चल पाया था।
पिछले छह महीनों में ऑस्ट्रेलिया में 20 से अधिक ऐसी कवक की प्रजातियों की पहचान की गई है, जो अनदेखी थीं। हो सकता है कि इस लाल मशरूम का चिकित्सा के क्षेत्र में कोई उपयोग सामने आए, लेकिन इसे खाने की आप कल्पना भी नहीं कर सकते।